
PM Modi On Godhra Riots: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि गुजरात में 2002 में गोधरा कांड के बाद हुए दंगों को लेकर एक झूठी कहानी गढ़ने का प्रयास किया गया था और केंद्र की सत्ता में बैठे उनके राजनीतिक विरोधी चाहते थे कि उन्हें सजा मिले, लेकिन अदालतों ने उन्हें निर्दोष साबित किया. अमेरिका के जाने-माने पॉडकास्टर लेक्स फ्रीडमैन के साथ एक पॉडकास्ट में, मोदी ने कहा कि यह धारणा गलत सूचना फैलाने का एक प्रयास था कि 2002 के दंगे गुजरात में अब तक के सबसे बड़े दंगे थे.
उन्होंने कहा, ‘‘अगर आप 2002 से पहले के आंकड़ों की समीक्षा करेंगे तो आप पाएंगे कि गुजरात में लगातार दंगे हुए. कहीं-कहीं तो लगातार कर्फ्यू लगाया जाता था. सांप्रदायिक हिंसा पतंगबाजी प्रतियोगिता या यहां तक कि साइकिल टक्कर जैसे छोटे मुद्दों पर भी भड़क जाया करती थी.’’
गोधरा दंगों को लेकर झूठी कहानी गढ़ी गई: PM मोदी
PM Modi opens up about 2002 Godhra riots
PM @narendramodi said that a fake narrative was spread regarding the Godhra case. Before 2002, Gujarat had witnessed over 250 riots, and communal violence was frequent. Also, he narrated how the world was witnessing a surge in terrorist… pic.twitter.com/WNdk4okmZv
— DD News (@DDNewslive) March 16, 2025
यह अकल्पनीय त्रासदी थी: PM
प्रधानमंत्री ने कहा कि 1969 में गुजरात में दंगे छह महीने से ज्यादा समय तक चले थे और उस समय वह राजनीतिक क्षितिज पर कहीं नहीं थे. मोदी ने कहा कि गोधरा ट्रेन अग्निकांड उनके गुजरात विधानसभा का सदस्य चुने जाने के मुश्किल से तीन दिन बाद हुआ.
उन्होंने कहा, ‘‘यह अकल्पनीय त्रासदी थी, लोगों को जिंदा जला दिया गया. कंधार विमान अपहरण, संसद पर हमला या यहां तक कि 9/11 जैसी घटनाओं की पृष्ठभूमि में आप कल्पना कर सकते हैं और फिर इतने सारे लोगों को मार दिया गया और जिंदा जला दिया गया, आप कल्पना कर सकते हैं कि स्थिति कितनी तनावपूर्ण और अस्थिर थी.’’
न्याय की जीत
उन्होंने कहा, ‘‘ऐसा कुछ नहीं होना चाहिए, हम भी ऐसा ही चाहते हैं. हर कोई शांति चाहता है.’’ उस समय गुजरात के मुख्यमंत्री रहे मोदी ने कहा कि गोधरा में हुई बड़ी घटना चिंगारी फैलने का केंद्र बिंदु थी और फिर हिंसा हुई. उन्होंने कहा कि गोधरा मामले को लेकर फर्जी विमर्श गढ़ा गया. उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन, अदालतों ने मामले की पूरी तरह से जांच की और हमें पूरी तरह से निर्दोष पाया. जो लोग वास्तव में जिम्मेदार थे, उन्हें अदालतों से सजा मिली.’’
राजनीतिक विरोधियों का प्रयास
प्रधानमंत्री ने कहा कि जब हिंसा हुई तब उनके राजनीतिक विरोधी केंद्र में सत्ता में थे और वे चाहते थे कि इन आरोपों पर उन्हें दंडित किया जाय. उन्होंने कहा, ‘‘उस समय हमारे राजनीतिक विरोधी सत्ता में थे और स्वाभाविक रूप से वे चाहते थे कि हमारे खिलाफ सभी आरोप टिके रहें. वे हमें सजा मिलते देखना चाहते थे. उनके अथक प्रयासों के बावजूद, न्यायपालिका ने दो बार सावधानीपूर्वक स्थिति का विश्लेषण किया और अंततः हमें पूरी तरह से निर्दोष पाया.’’
गुजरात में दंगों का इतिहास
प्रधानमंत्री ने कहा कि सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि गुजरात, जहां लगभग हर साल हिंसा होती थी, वहां 2002 के बाद से दंगे नहीं हुए हैं. उन्होंने कहा, ‘‘पिछले 22 साल में गुजरात में एक भी बड़ा दंगा नहीं हुआ.’’ मोदी ने कहा, ‘‘गुजरात में पूरी तरह शांति है.’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि उनका दृष्टिकोण हमेशा वोट बैंक की राजनीति से बचने का रहा है. उन्होंने कहा, ‘‘हमारा मंत्र रहा है, ‘सबका साथ सबका विकास और सबका प्रयास’. हम अपने पूर्ववर्तियों द्वारा अपनाई जाने वाली तुष्टीकरण की राजनीति को पीछे छोड़कर आकांक्षा की राजनीति की ओर बढ़ गए हैं.’’
उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि दंगों के बाद कुछ लोगों ने उनकी छवि खराब करने की कोशिश की, लेकिन अंततः न्याय की जीत हुई और अदालतों ने उन्हें बरी कर दिया.
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