PM Modi Wished Geeta Jayanti 2023: गीता जयंती के अवसर पर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को शुभकामनाएं दीं. उन्होंने कहा, गीता के श्लोकों में मानवता का हर मर्म समाहित है, जो सदैव कर्म पथ पर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता है. 'गीता जयंती' की मेरे सभी परिवारजनों को कोटि-कोटि शुभकामनाएं। जय श्री कृष्ण! .
पीएम मोदी ने आगे कहा- यह हमें बताता है कि हमें जीवन में क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए. गीता के श्लोकों में कर्म, धर्म, नीति, ज्ञान, भक्ति आदि सभी विषयों का समावेश है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि गीता हमें जीवन में कठिन से कठिन परिस्थितियों में भी धैर्य और हार न मानने की प्रेरणा देती है. यह हमें बताती है कि हमें अपने कर्म पर विश्वास रखना चाहिए और कभी भी हार नहीं माननी चाहिए. प्रधानमंत्री ने कहा कि गीता का अध्ययन प्रत्येक व्यक्ति के लिए अनिवार्य है. यह हमें एक बेहतर इंसान बनने में मदद करता है.
गीता के श्लोकों में मानवता का हर मर्म समाहित है, जो सदैव कर्म पथ पर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता है।'गीता जयंती' की मेरे सभी परिवारजनों को कोटि-कोटि शुभकामनाएं। जय श्री कृष्ण!
— Narendra Modi (@narendramodi) December 23, 2023
श्रीमद्भगवद्गीता
श्रीमद्भगवद्गीता, जिसे केवल गीता भी कहा जाता है, हिंदू धर्म के सबसे महत्वपूर्ण ग्रंथों में से एक है। यह महाभारत के भीष्म पर्व का एक अंग है. गीता में, भगवान श्रीकृष्ण अपने शिष्य अर्जुन को युद्ध के मैदान में कर्मयोग का उपदेश देते हैं.
गीता में 18 अध्याय और 700 श्लोक हैं. गीता के श्लोकों में कर्म, धर्म, नीति, ज्ञान, भक्ति आदि सभी विषयों का समावेश है। गीता हमें जीवन के हर पहलू पर मार्गदर्शन करती है. यह हमें बताती है कि हमें जीवन में क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए.
गीता के इन उपदेशों को अपने जीवन में उतारकर हम एक बेहतर इंसान बन सकते हैं और एक बेहतर समाज का निर्माण कर सकते हैं. गीता जयंती, गीता के अवतरण दिवस को मनाया जाता है. गीता जयंती हर साल मार्गशीर्ष मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी को मनाई जाती है.
गीता का प्रभाव भारतीय संस्कृति और सभ्यता पर गहरा है. गीता के उपदेशों ने लाखों लोगों को प्रभावित किया है और उनका जीवन बदल दिया है. गीता एक ऐसा ग्रंथ है जो हर युग में प्रासंगिक है.