VIDEO: रामेश्वरम में PM मोदी ने हाईटेक पंबन ब्रिज का किया उद्घाटन, रामनवमी पर भारत को मिला पहला वर्टिकल रेलवे पुल

रामेश्वरम: श्रीलंका और थाईलैंड की विदेश यात्राओं के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अब "मिशन तमिलनाडु" पर हैं और इस कड़ी में उन्होंने रामनवमी के पावन अवसर पर देश को एक ऐतिहासिक सौगात दी है. पीएम मोदी ने रामेश्वरम पहुंचकर भारत के पहले वर्टिकल लिफ्ट रेलवे ब्रिज — नया पंबन ब्रिज — का उद्घाटन किया. इस हाईटेक सी-ब्रिज के जरिए रामेश्वरम की कनेक्टिविटी को न सिर्फ मजबूती मिली है, बल्कि देश की रेल इंजीनियरिंग को भी एक नया मुकाम मिला है.

पहला वर्टिकल सस्पेंशन रेलवे ब्रिज

नया पंबन ब्रिज तमिलनाडु के मंडपम रेलवे स्टेशन को रामेश्वरम से जोड़ता है. यह ब्रिज देश का पहला वर्टिकल लिफ्ट रेल ब्रिज है, जो समुद्र के ऊपर बना है. इसकी खासियत यह है कि इसका एक हिस्सा 17 मीटर तक ऊपर उठ सकता है ताकि समुद्री जहाज नीचे से गुजर सकें. ब्रिज को खोलने में सिर्फ 5 मिनट 30 सेकंड का समय लगता है, जबकि पुराने ब्रिज को खोलने में 35 से 40 मिनट लगते थे.

इतिहास से जुड़ा नया अध्याय

1914 में बना पुराना पंबन ब्रिज भारत का पहला समुद्र के ऊपर बना रेलवे ब्रिज था, जिसने 100 वर्षों से भी ज्यादा समय तक देश की सेवा की. अंग्रेजी शासन काल में बना यह पुल अब 111 साल बाद अपने नए रूप में देशवासियों के सामने है. पुराने पुल की जर्जर स्थिति को देखते हुए उसे 2022 में बंद कर दिया गया था, और अब उसी के समानांतर नए ब्रिज का निर्माण किया गया है.

रामनवमी पर रामसेतु के दर्शन

पीएम मोदी ने इस ऐतिहासिक अवसर को और भी विशेष बना दिया जब उन्होंने श्रीलंका से लौटते वक्त रामसेतु के दिव्य दर्शन का वीडियो सोशल मीडिया पर साझा किया. उन्होंने लिखा —

“आज रामनवमी के पावन अवसर पर श्रीलंका से वापस आते समय आकाश से रामसेतु के दिव्य दर्शन हुए. ईश्वरीय संयोग से उसी समय मुझे अयोध्या में रामलला के सूर्य तिलक के दर्शन का भी सौभाग्य मिला.”

भविष्य की बुनियाद: 8,300 करोड़ की परियोजनाएं

रामेश्वरम पहुंचने के बाद पीएम मोदी ने 8,300 करोड़ रुपये से अधिक की विभिन्न रेल और सड़क परियोजनाओं की आधारशिला रखी और उन्हें राष्ट्र को समर्पित किया. इस अवसर पर उन्होंने रामनाथस्वामी मंदिर में दर्शन-पूजन भी किया और एक विशाल जनसभा को संबोधित किया.

तकनीक और सुरक्षा में भी अव्वल

नए पंबन ब्रिज में न केवल तकनीकी रूप से उन्नत लिफ्टिंग मैकेनिज्म है, बल्कि सुरक्षा का भी खास ध्यान रखा गया है. यदि हवा की गति 58 किमी प्रति घंटे से अधिक हो जाती है, तो ट्रेनों की आवाजाही को रोका जाएगा ताकि किसी भी दुर्घटना से बचा जा सके.

नया पंबन ब्रिज सिर्फ एक पुल नहीं है, यह संस्कार और आधुनिकता के संगम का प्रतीक है. यह न केवल दो भू-भागों को जोड़ता है, बल्कि यह भारत की इंजीनियरिंग कौशल, सांस्कृतिक विरासत और भविष्य के प्रति संकल्प को भी दर्शाता है. रामनवमी जैसे पावन दिन पर यह सौगात, भारत को विकास की नई दिशा की ओर ले जाती है.