Supreme Court: न्यायालय में याचिका दायर कर ट्रांसजेंडर लोगों से भेदभाव का मुद्दा उठाया गया
सुप्रीम कोर्ट (Photo Credits: IANS)

नयी दिल्ली, 2 मार्च : मुंबई के एक संगठन ने उच्चतम न्यायालय (Supreme court) में याचिका दायर कर ट्रांसजेंडर समुदाय (Transgender community) के लोगों के सामाजिक कल्याण से जुड़े मुद्दों को देखने के लिए ट्रांसजेंडर कल्याण बोर्ड गठित करने तथा पुलिस द्वारा उनके कथित शोषण संबंधी रिपोर्टों की जांच के लिए समिति बनाने का केंद्र तथा अन्य को निर्देश देने की मांग की है. याचिका मे कहा गया है कि ट्रांसजेंडर लोगों के साथ भी अन्य के समान ही सम्मानजनक बर्ताव किया जाना चाहिए. इसमें कहा गया कि इस समुदाय के लोग हमेशा से भेदभाव के शिकार रहे हैं और सामाजिक एवं सांस्कृतिक भागीदारी से उन्हें वंचित रखा गया है.

याचिका में कहा गया कि 2011 की जनगणना के अनुसार ट्रांसजेंडर लोगों की कुल आबादी करीब 4.87 लाख है और उनकी साक्षरता दर 57.06 फीसदी है. संगठन की ओर से पेश वकील सी आर जया सुकीन ने कहा, ‘‘ट्रांसजेंडर लोगों को सामाजिक एवं सांस्कृतिक भागीदारी से वंचित रखा गया है अत: शिक्षा, स्वास्थ्य और सार्वजनिक स्थलों तक भी उनकी पहुंच सीमित है. इस वजह से वे कानून के तहत समानता और सुरक्षा की संवैधानिक गारंटी से भी वंचित हो जाते हैं.’’ यह भी पढ़ें : West Bengal Assembly Elections 2021: बीजेपी के फायर ब्रांड नेता सीएम योगी पहुंचे बंगाल, मालदा में एक के बाद एक ममता बनर्जी पर किए कई हमले

इसमें केंद्र तथा राज्यों को निर्देश देने की मांग की गई कि वे स्टेशन हाउस अधिकारियों, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं वाली एक स्थायी समिति बनाएं जो पुलिस द्वारा ट्रांसजेंडर लोगों के कथित शोषण संबंधी रिपोर्टों की जल्द जांच करें.

याचिका में ट्रांसजेंडर व्यक्ति (अधिकारों की रक्षा) कानून, 2019 का जिक्र करते हुए कहा गया कि संसद ने उक्त विधेयक ट्रांसजेंडर लोगों के अधिकारों की रक्षा के लिए पारित किया था लेकिन नया कानून कई मायनों में‘‘अपर्याप्त’’ है.