उत्तराखंड: टिहरी झील में बना 2.5 करोड़ का चलता-फिरता रेस्तरां 'मरीना' पानी में डूबा
'मरीना' चलता-फिरता रेस्तरां (Photo Credits: ANI)

उत्तराखंड (Uttarakhand) के टिहरी क्षेत्र में पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिये टिहरी झील (Tehri Lake) में उतारा गया करीब ढाई करोड़ रुपये लागत का चलता—फिरता रेस्तरां 'मरीना बोट' (Marina Boat) का आधा हिस्सा मंगलवार को पानी में डूब गया. 'मरीना बोट' में ठीक एक साल पहले मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में राज्य मंत्रिमंडल की बैठक भी आयोजित की गयी थी. मंगलवार तड़के मरीना बोट का आधा हिस्सा टिहरी झील में समा गया. हालांकि पर्यटन विभाग और टिहरी झील विशेष क्षेत्र पर्यटन विकास प्राधिकरण के कर्मचारी रस्सों के सहारे इसे बाहर निकालने का प्रयास कर रहे हैं. उपजिलाधिकारी और प्राधिकरण के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी अजयवीर सिंह का कहना है कि झील का जल स्तर कम होने से मरीना का एक हिस्सा टेढ़ा हो गया था और यह हिस्सा पानी में डूब गया.

उन्होंने बताया कि रस्सियों, तारों और पॉवर बोट के सहारे मरीना को खड़ा कर सुरक्षित स्थान पर रखने की कोशिश की जा रही है. सिंह ने कहा कि इसे बाहर निकालने के बाद इस घटना की समीक्षा की जायेगी. टिहरी झील को साहसिक खेल गतिविधियों का केंद्र बनाने की कवायद वर्ष 2015 में शुरू की गयी थी. इसी उद्देश्य से झील में मरीना बोट और बार्ज बोट भी उतारे गए थे. मरीना का जहां झील के बीच में आधुनिक रेस्तरां की भांति खाने-पीने और मनोरंजन के लिए उपयोग किया जाना था वहीं बार्ज बोट को टिहरी से प्रतापनगर जाने वाले बांध प्रभावितों और यात्रियों को वाहनों समेत आर-पार करवाना था. यह भी पढ़ें- खुल गए गंगोत्री-यमुनोत्री के कपाट, चारधाम यात्रा की हुई शुरुआत

मरीना की लागत करीब ढाई करोड़ रुपये थी जबकि बार्ज बोट 2.17 करोड़ रुपये की लागत से तैयार की गयी थी. इनका उद्देश्य दोनों परिसंपत्तियों को लीज पर देकर यात्रियों को झील में आकर्षित कर लाभ कमाना था लेकिन कुप्रबंधन के चलते न तो कोई पीपीपी पार्टनर इनके संचालन के लिये आगे आया और न ही प्राधिकरण इनका संचालन कर पाया.