Waqf Amendment Bill 2024: वक्फ संशोधन बिल 2024 के तहत जॉइंट पार्लियामेंटरी कमेटी (JPC) की बैठक 18 से 20 सितंबर तक निर्धारित की गई है. यह बैठक वक्फ (संशोधन) बिल 2024 की समीक्षा के लिए होगी, जो वक्फ (संशोधन) एक्ट 2013 में सुधार करने का प्रस्ताव रखता है.
11 सितंबर को, राज्यसभा पैनल ने अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय के अधिकारियों को तलब किया ताकि 2013 के वक्फ कानून के तहत अधीनस्थ कानून बनाने की प्रक्रिया में हुई देरी के कारणों को स्पष्ट किया जा सके. यह कदम उस समय उठाया गया है जब JPC वक्फ संशोधन बिल की समीक्षा कर रही है.
वक्फ संशोधन बिल 2024 की प्रमुख विशेषताएं
केंद्रीकृत पोर्टल के माध्यम से वक्फ संपत्तियों की पंजीकरण प्रक्रिया में सुधार: बिल के तहत वक्फ संपत्तियों की पंजीकरण प्रक्रिया को केंद्रीकृत पोर्टल के माध्यम से सुव्यवस्थित करने का प्रस्ताव है.
केंद्रीय वक्फ परिषद की स्थापना: राज्य वक्फ बोर्डों के साथ एक केंद्रीय वक्फ परिषद की स्थापना की जाएगी, जिसमें मुस्लिम महिलाओं और गैर-मुस्लिम प्रतिनिधियों का प्रतिनिधित्व होगा.
विवादास्पद प्रावधान: बिल के एक विवादास्पद प्रावधान के तहत, जिला कलेक्टर को यह निर्धारित करने का मुख्य प्राधिकरण बनाया जाएगा कि कोई संपत्ति वक्फ है या सरकारी भूमि.
कानून का नामकरण: वक्फ (संशोधन) बिल 2024 के तहत, वक्फ एक्ट का नाम बदलकर 'यूनिफाइड वक्फ मैनेजमेंट, एंपावरमेंट, एफिशिएंसी और डेवलपमेंट एक्ट, 1995' करने का प्रस्ताव है.
JPC की अध्यक्षता बीजेपी के सदस्य जगदम्बिका पाल कर रहे हैं और इसमें बीजेपी के निःशिकांत दुबे, बृज लाल, तेजस्वी सूर्या और संजय जैस्वल, कांग्रेस के गौरव गोगोई, मोहम्मद जावेद, सैयद नसीर हुसैन और इमरान मसूद, टीएमसी के कalyan बनर्जी, एआईएमआईएम के असदुद्दीन ओवैसी और आम आदमी पार्टी के संजय सिंह शामिल हैं.
अगस्त में JPC ने आम जनता, एनजीओ, विशेषज्ञों, स्टेकहोल्डर्स और संस्थानों से सुझाव और विचार आमंत्रित किए थे.