श्रीनगर: जम्मू- कश्मीर में स्थानीय निकाय चुनावों के प्रथम चरण के लिए सोमवार को मतदान होगा. हालांकि, धमकियों, हिंसा और राज्य की दो मुख्य पार्टियों - नेकां और पीडीपी - के बहिष्कार का असर समूची चुनावी प्रक्रिया पर देखने को मिल रहा है. प्रथम चरण के मतदान के लिए चुनाव प्रचार शनिवार को खत्म हो गया।निकाय चुनावों के लिए कोई चुनावी रैली नहीं हुई है. घाटी के ज्यादातर हिस्सों में घर - घर जाकर चुनाव प्रचार भी नहीं किया गया। उम्मीदवारों के नामों के साथ समूची प्रक्रिया गोपनीय नजर आई. यहां तक कि उम्मीदवारों के राजनीतिक दलों से संबंधों का भी खुलासा नहीं किया गया.
संविधान के अनुच्छेद 35 ए को उच्चतम न्यायालय में विधिक चुनौती दिए जाने के चलते जम्मू कश्मीर की दो मुख्य पार्टियां - नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के साथ - साथ माकपा भी इन चुनावों से दूर रही है. इन दोनों क्षेत्रीय दलों (नेकां और पीडीपी) ने संवैधानिक प्रावधान पर केंद्र से अपना रुख शीर्ष न्यायालय में स्पष्ट करने को कहा है. अलगावावादियों ने चुनाव के बहिष्कार का आह्वान किया है, आतंकवादियों ने इन चुनावों में भाग लेने वाले लोगों को निशाना बनाने की धमकी दी है. यह भी पढ़े: जम्मू कश्मीर पंचायत चुनाव: राजनाथ सिंह ने की ऐसी भविष्यवाणी जिससे पीडीपी और नेशनल कांफ्रेंस की उड़ जाएगी नींद
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि कश्मीर में मौजूदा स्थिति उम्मीदवारों को खुल कर चुनाव प्रचार करने की इजाजत नहीं देती है क्योंकि उनकी जान को खतरा है।अधिकारी ने बताया कि उम्मीदवारों को सुरक्षा मुहैया की गई है और उनमें से ज्यादातर को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है. उन्हें न सिर्फ आतंकवादियों से खतरा है बल्कि भीड़ से भी खतरा है. उन्होंने कहा कि ज्यादातर उम्मीदवारों की पहचान और अन्य ब्यौरे गुप्त रखे गए हैं.
अधिकारी ने बताया कि सुगम, निष्पक्ष और स्वतंत्र मतदान कराने के लिए सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं। केंद्र ने केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों की 400 अतिरिक्त कंपनियां मुहैया की है। हम सुगम, स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए एक सुरक्षित माहौल मुहैया करने की अपनी सर्वश्रेष्ठ कोशिश कर रहे हैं. कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘‘आप जानते हैं कि स्थिति क्या है. हमारे उम्मीदवारों के लिए चुनाव प्रचार करना संभव कैसे है ? शुक्रवार को एक राजनीतिक दल के दो कार्यकर्ताओं की दिनदहाड़े हत्या कर दी गई। ऐसी स्थिति में जब सुरक्षा की भावना नहीं है, हम वोट मांगने कैसे जा सकते हैं।राज्य में चुनाव के लिए माहौल सौहार्दपूर्ण नहीं है. लेकिन इसे केंद्र ने हम पर थोप दिया. ’’
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उन्होंने कहा कि पूरी प्रक्रिया पर प्रशासन के गोपनीयता बरतने का असर चुनाव प्रक्रिया पर देखने को मिल रहा है. प्रथम चरण के तहत सोमवार को 12 जिलों में 30 नगर निकायों के 422 वार्डों में चुनाव होंगे. इन 422 वार्डों में 78 वार्डों में कोई मुकाबला नहीं है जिनमें से 69 कश्मीर में हैं जबकि नौ जम्मू में हैं. राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी शालीन काबरा ने बताया कि प्रथम चरण के लिए 1473 उम्मीदवारों ने नामांकन पत्र दाखिल किया है। नामांकन पत्रों की जांच के बाद 1441 नामांकन वैध घोषित किए गए। कुछ ने नाम वापस ले लिये, जिसके बाद 1283 उम्मीदवार प्रथम चरण के लिए चुनाव मैदान में हैं.
उन्होंने बताया कि प्रथम चरण के लिए चुनाव प्रचार शनिवार को खत्म हो गया। प्रथम चरण में श्रीनगर नगर निगम के तीन वार्ड भी शामिल हैं. इसबीच, एक आधिकारिक प्रवक्ता ने बताया कि राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने प्रथम चरण के मतदान से पहले शनिवार को सुरक्षा स्थिति की विस्तृत समीक्षा की।प्रवक्ता ने बताया कि उन्होंने राजभवन में नागरिक, पुलिस, केंद्रीय अर्द्धसैनिक पुलिस, थल सेना और राज्य एवं केंद्रीय खुफिया एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक बैठक कर सुरक्षा प्रबंध के विषयों की विस्तृत समीक्षा की. राज्य में दूसरे चरण का चुनाव 10 अक्तूबर को, तीसरे चरण का 13 अक्टूबर को और चौथे एवं अंतिम चरण का चुनाव 16 अक्टूबर को होना है.