Eid al-Adha Mubarak 2025 Greetings: बकरा ईद मुबारक! दोस्तों-रिश्तेदारों संग शेयर करें ये मनमोहक WhatsApp Status, HD Images और GIF Wallpapers
बकरीद 2025 (Photo Credits: File Image)

Eid al-Adha Mubarak 2025 Greetings in Hindi: दुनिया भर के मुसलमान साल में दो बार ईद (Eid) का त्योहार मनाते हैं, जिसका उन्हें बेसब्री से इंतजार रहता है. दरअसल, रमजान ईद (Ramzan Eid) को धूमधाम से मनाने के करीब 2 महीने बाद बकरीद (Bakrid) का त्योहार मनाया जाता है. इस साल भारत में 7 जून 2025, शनिवार को बकरीद मनाई जा रही है. कुर्बानी और अल्लाह के प्रति समर्पण के इस पर्व से जुड़ी प्रचलित कथा के अनुसार, पैगंबर हजरत इब्राहिम की परीक्षा लेने के लिए अल्लाह ने सपने आकर उनसे उनकी सबसे प्यारी चीज को कुर्बान करने के लिए कहा, जिसके बाद उन्होंने अपने बेटे की कुर्बानी देने का फैसला किया, जिससे वे बेहद प्यार करते थे. पैंगबर हजरत इब्राहिम जैसे ही अपने बेटे की कुर्बानी देने वाले थे, वैसे ही अल्लाह ने उनके बेटे की जगह कुर्बानी को बकरे में तब्दील कर दिया. तब से बकरीद का त्योहार मनाया जा रहा है और इस दिन कुर्बानी देने की परंपरा निभाई जा रही है.

पैगंबर हजरत इब्राहिम ने अल्लाह के प्रति जो समर्पण भाव दिखाया था, उसके प्रति सम्मान जाहिर करने के लिए बकरीद यानी ईद-उल-अजहा का पर्व मनाया जाता है. इस दिन बकरे की कुर्बानी देने के साथ ही दावतों का आयोजन किया जाता है. लोग नमाज अदा करने के बाद ईद की मुबारकबाद देते हैं. ऐसे में आप भी इस अवसर पर इन हिंदी ग्रीटिंग्स, वॉट्सऐप स्टेटस, एचडी इमेजेस और जीआईएफ वॉलपेपर्स के जरिए बकरा ईद मुबारक कह सकते हैं.

1- ‎ईद-उल-अजहा 2025

बकरीद 2025 (Photo Credits: File Image)

2- ईद-उल-अजहा मुबारक

बकरीद 2025 (Photo Credits: File Image)

3- बकरा ईद मुबारक

बकरीद 2025 (Photo Credits: File Image)

4- बकरीद मुबारक

बकरीद 2025 (Photo Credits: File Image)

5- बकरीद 2025

बकरीद 2025 (Photo Credits: File Image)

गौरतलब है कि इस्लाम धर्म में मनाए जाने वाले महत्वपूर्ण पर्वों में से शुमार बकरीद को ईद-उल-अजहा, बकरा ईद और कुर्बानी ईद जैसे नामों से जाना जाता है. इस्लामिक चंद्र कैलेंडर के आखिरी यानी 12वें महीने धू-अल-हिज्जाह के 10वें दिन दुनिया भर के मुसलमान बकरीद का त्योहार धूमधाम से मनाते हैं. इस दिन बकरे की कुर्बानी दी जाती है और कुर्बानी के गोश्त को तीन हिस्सों में बांटा जाता है. गोश्त का पहला हिस्सा अपने लिए रखा जाता है, जबकि दूसरा हिस्सा दोस्तों-रिश्तेदारों व पड़ोसियों को दिया जाता है, जबकि तीसरा हिस्सा गरीबों में बांटा जाता है.