कोरोना की दूसरी लहर के बीच EPFO ने जून 2021 में जोड़े 12.83 लाख सब्सक्राइबर्स, पहली बार 8.11 लाख नए ग्राहक हुए शामिल
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: PTI/File)

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) का हाल ही में जारी किया गया डाटा भारत में रोजगार के मद्देनजर अच्छी खबर लेकर आया है. ईपीएफओ ने 20 अगस्त, 2021 को अस्थाई पेरोल डेटा जारी किया.  इसके अनुसार जून, 2021 के महीने के दौरान कुल 12.83 लाख ग्राहकों की वृद्धि हुई है. पेरोल डेटा के अनुसार इस वर्ष जून माह में अप्रैल और मई की तुलना में खाता धारकों की संख्या में जबरदस्त वृद्धि हुई है. मासिक विश्लेषण से पता चलता है कि जून, 2021 के दौरान कुल ग्राहकों की संख्या में मई, 2021 महीने की तुलना में 5.09 लाख की अतिरिक्त वृद्धि हुई है. यह भी पढ़े: EPFO Payroll Data: कोविड-19 की दूसरी लहर के बीच ईपीएफओ के साथ मई, 2021 में कुल 9.20 लाख नए सदस्य जुड़े

ईपीएफ और एमपी अधिनियम, 1952 के तहत बनाया गया था ईपीएफओ

ईपीएफओ सदस्यों को उनकी सेवानिवृत्ति पर भविष्य निधि, पेंशन लाभ और सदस्य की असामयिक मृत्यु के मामले में उनके परिवारों को पारिवारिक पेंशन और बीमा लाभ प्रदान करता है. ईपीएफओ देश का प्रमुख संगठन है जो ईपीएफ और एमपी अधिनियम, 1952 के कानून के तहत शामिल संगठित / अर्ध-संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों को सामाजिक सुरक्षा लाभ प्रदान करने के लिए जिम्मेदार है। पेरोल डेटा अस्थाई है क्योंकि डेटा निर्माण एक सतत अभ्यास है और कर्मचारी रिकॉर्ड का अपडेट करना एक सतत प्रक्रिया है। पिछला डेटा इसलिए हर महीने अपडेट किया जाता है. मई-2018 से, ईपीएफओ सितंबर 2017 की अवधि को शामिल करते हुए पेरोल डेटा जारी कर रहा है.

8.11 लाख नए सदस्य ईपीएफओ से जुड़े

महीने के दौरान जोड़े गए कुल 12.83 लाख ग्राहकों में से, लगभग 8.11 लाख नए सदस्य हैं, जो पहली बार कर्मचारी भविष्य निधि योजना के सामाजिक सुरक्षा कवरेज के अंतर्गत शामिल हुए हैं. महीने के दौरान, लगभग 4.73 लाख शुद्ध ग्राहक ईपीएफओ से बाहर निकल गए, लेकिन ईपीएफओ द्वारा कवर किए गए प्रतिष्ठानों के भीतर नौकरी बदलकर फिर से संगठन में शामिल हो गए। इससे पता चलता है कि अधिकांश ग्राहकों ने अपने पीएफ संचय की अंतिम निकासी के लिए आवेदन करने के बजाय पिछली नौकरी से वर्तमान पीएफ खाते में धन के हस्तांतरण का उपयोग करके ईपीएफओ के साथ अपनी सदस्यता जारी रखने का विकल्प चुना.

नामांकन दर्ज करने वालों में अधिकतर 18-25 वर्ष के

पेरोल डेटा की आयु-वार तुलना के संबंध में, 18-25 वर्ष के आयु समूह के ग्राहकों ने लगभग 6.15 लाख अतिरिक्त संख्या के साथ सबसे अधिक शुद्ध नामांकन दर्ज किया है, जो कि जून, 2021 के महीने के दौरान कुल वृद्धि का 47.89 प्रतिशत हिस्सा है.  वहीं 29-35 आयु वर्ग के लगभग 2.55 लाख कुल अतिरिक्त ग्राहक संस्था में शामिल हुए हैं. आयु-वार पेरोल डेटा इंगित करता है कि पहली बार नौकरी चाहने वाले बड़ी संख्या में संगठित क्षेत्र के कार्यबल में शामिल हो रहे हैं. दूसरी ओर शुद्ध महिला ग्राह्कों की वृद्धि 2.56 लाख रही, जो मई 2021 के दौरान जोड़े गए कुल महिला ग्राहकों की तुलना में लगभग 0.79 लाख अधिक है.

भारत में रोजगार की स्थिति के मद्देनजर दे रहा अच्छे संकेत

राज्यों में महाराष्ट्र, हरियाणा, गुजरात, तमिलनाडु और कर्नाटक राज्य महीने के दौरान लगभग 7.78 लाख ग्राहकों को जोड़ने के साथ पेरोल वृद्धि में सबसे आगे हैं। उद्योग-वार पेरोल डेटा इंगित करता है कि ‘विशेषज्ञ सेवाएं’ श्रेणी (जनशक्ति एजेंसियों, निजी सुरक्षा एजेंसियों और छोटे ठेकेदारों आदि से मिलकर) महीने के दौरान कुल ग्राहकों की संख्या में वृद्धि का 41.84 प्रतिशत है। इसके अलावा, व्यापारिक-वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों, इंजीनियरिंग उत्पादों, भवन और निर्माण, कपड़ा, परिधान निर्माण, अस्पतालों और वित्तीय प्रतिष्ठानों जैसे उद्योगों में कुल सदस्यता में मासिक वृद्धि की प्रवृत्ति देखी गई है. यह डाटा भारत में रोजगार की स्थिति के मद्देनजर अच्छे संकेत देने वाला है. इससे पता चलता है कि कोविड महामारी के बाद अब धीरे-धीरे चीजें सामान्य हो रही हैं. (साभार पीबीएनएस)