भूकंप के बावजूद बम गिरा रही थी म्यांमार की सेना, बागियों का दावा
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credit: Image File)

म्यांमार की सैन्य सरकार का विरोध करने वाले एक सशस्त्र समूह ने कहा है कि देश में भूकंप की त्रासदी के बावजूद सेना उनके गांवों पर हवाई हमले कर रही थी. कई देशों ने इस बमबारी को तुरंत रोके जाने की मांग की है.म्यांमार की सबसे पुरानी जातीय सेनाओं में से एक 'द कैरेन नैशनल यूनियन' ने रविवार को दिए एक बयान में दावा किया कि सैन्य सरकार, "अभी भी नागरिक इलाकों को निशाना बनाकर वहां हवाई हमले कर रही है, वह भी ऐसे समय में जब सब भूकंप से बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं."

समूह ने कहा कि सामान्य हालत में सेना राहत कार्यो को प्राथमिकता दे रही होती लेकिन बजाय इसके, "उसके लोगों पर हमला करने के लिए सैनिकों को तैनात करने पर ध्यान केंद्रित कर रही है."

सिंगापुर ने की युद्ध विराम की मांग

सैन्य सरकार के एक प्रवक्ता ने इस आलोचना को लेकर रॉयटर्स के सवालों का जवाब नहीं दिया. म्यांमार में कई सालों से गृह युद्ध चल रहा है. 2021 में सेना द्वारा नोबेल शांति पुरस्कार विजेता आंग सान सू ची की चुनी हुई सरकार के खिलाफ तख्तापलट करने के बाद से कई सशस्त्र विरोधी समूह सेना के खिलाफ लड़ रहे हैं.

राहत संगठन 'फ्री बर्मा रेंजर्स' के मुताबिक, शुक्रवार 28 फरवरी को आए विनाशकारी भूकंप के थोड़ी देर बाद ही सैन्य विमानों ने कैरेन प्रांत में हवाई और ड्रोन हमले शुरू कर दिए.

सिंगापुर के विदेश मंत्री विवियन बालाकृष्णन ने सहायता के वितरण में मदद के लिए तुरंत युद्ध विराम की मांग की. उन्होंने यह मांग इस आपदा पर आसियान समूह के सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों के साथ हुई एक वर्चुअल बैठक के बाद की.

सिंगापुर के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, "(बालाकृष्णन) ने तुरंत और प्रभावी युद्ध विराम की मांग की जिससे मानवीय सहायता पहुंचाने की कोशिशों में और आगे चल कर राष्ट्रीय समन्वय, शांति और पुनर्निर्माण में मदद मिलेगी."

विपक्ष ने रोकी लड़ाई

रविवार को ही विपक्ष की राष्ट्रीय एकता सरकार ने कहा कि सैन्य सरकार का विरोध करने वाले जो सैन्य समूह उसके नियंत्रण में हैं, वो दो हफ्तों के लिए हर तरह की सैन्य कार्रवाई को रोक देंगे. इस समूह में 2021 में हटाई गई सरकार के लोग शामिल हैं.

'क्राइसिस ग्रुप' समूह में वरिष्ठ म्यांमार सलाहकार रिचर्ड होर्सी ने कहा कि कुछ सेना विरोधी समूहों ने अपनी गतिविधियां रोक दी हैं लेकिन कुछ और स्थानों पर लड़ाई चल रही है. उन्होंने बताया, "सैन्य सरकार में हवाई हमले कर रही है और इनमें भूकंप से प्रभावित इलाके भी शामिल हैं. इसे रोके जाने की जरूरत है."

उन्होंने यह भी कहा कि भूकंप प्रभावित इलाकों में सेना कुछ खास मदद भी मुहैया नहीं करा रही है. होर्सी ने आगे बताया, "स्थानीय दमकल वाहन, एम्बुलेंस कर्मी और सामुदायिक संगठन सक्रिय हो गए हैं लेकिन आम तौर पर इस तरह के संकट में सक्रिय होने वाली सेना अभी तक कहीं नजर भी नहीं आई है."

सीके/आरएस (रॉयटर्स)