Explained: इस साल झुलसा देगी भीषण गर्मी, जानिए मौसम वैज्ञानिक ऐसा क्यों कह रहे हैं? क्या है कारण
Representational Image | PTI/Pixabay

गर्मी ने अपना रंग दिखाना शुरू कर दिया है. मौसम विभाग ने भारत में इस साल प्रचंड गर्मी की भविष्यवाणी की है. मार्च से ही गर्मी ट्रेलर दिखा रही है और अभी पूरी पिक्चर बाकी है. अप्रैल की शुरुआत में ही देश के कई हिस्से हीटवेव से जूझ रहे हैं आने वाले महीनों में भी काफी तेज गर्मी पड़ने का अनुमान हैं. मौसम विभाग के अनुसार अप्रैल से जून के देशभर में झुलसाने वाली गर्मी पड़ेगी और हीटवेव का प्रकोप भी अधिक दिनों तक झेलना पड़ेगा. Heatwave Alert! भीषण गर्मी के लिए हो जाइए तैयार, अप्रैल-मई में लू के थपेड़े करेंगे बुरा हाल; IMD ने जारी की चेतावनी.

भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) द्वारा इस गर्मी में अधिक लू वाले दिनों की भविष्यवाणी की गई है, कई शहरों में पारा पहले से ही 40 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है और जल्द ही इसके तेजी से बढ़ने की संभावना है.

मौसम विभाग लगातार तेज गर्मी की भविष्यवाणी कर रहा है. ऐसे में लोगों के मन में सवाल है कि आखिर इस बार ऐसा क्या हो गया है कि गर्मी इतनी तेज पड़ रही है.

अप्रैल से जून झुलसाएगी गर्मी 

आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्रा ने कहा कि अधिकांश राज्यों में अप्रैल से जून तक सामान्य से अधिक तापमान रहेगा. मई-जून में गर्मी की तीव्रता सबसे अधिक होने की उम्मीद है, खासकर मध्य भारत में गर्मी का सितम अधिक दिखेगा.

मौसम विभाग चेतावनी ऐसे समय में आई है जब संयुक्त राष्ट्र के विश्व मौसम विज्ञान संगठन ने हाल ही में चेतावनी दी थी कि एशिया और भारत सहित दुनिया भर में पिछले साल गर्मी के रिकॉर्ड टूटने के बाद 2024 में असामान्य उच्च तापमान देखा जाएगा.

क्यों पड़ रही है इतनी गर्मी

जलवायु परिवर्तन: इतनी गर्मी क्यों पड़ रही है, इस सवाल का सीधा सा जवाब है- क्लाइमेट चेंज यानी जलवायु परिवर्तन. जलवायु परिवर्तन के कारण गर्मी में तीव्रता आ रही है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, हर साल औसत वैश्विक तापमान एक डिग्री सेल्सियस के करीब बढ़ रहा है. मानवीय गतिविधियों, जैसे ईंधन के जलने से ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन बढ़ रहा है, जो धरती को गर्म कर रही हैं.

एल नीनो: यह एक प्राकृतिक घटना है जो प्रशांत महासागर में होती है. एल नीनो के दौरान, समुद्र का पानी गर्म हो जाता है, जिससे धरती के तापमान में भी वृद्धि होती है.

वनों की कटाई: बढ़ते शहरीकरण के चलते जंगल ख़त्म हो रहे हैं. पेड़ कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित करते हैं, जो एक ग्रीनहाउस गैस है. वनों की कटाई से कार्बन डाइऑक्साइड का स्तर बढ़ जाता है, जिससे धरती गर्म होती है.

गर्मी से कैसे बचें

पानी पीते रहें: गर्मी में शरीर को हाइड्रेटेड रखना बहुत जरूरी है.

धूप में जाने से बचें: यदि आपको बाहर जाना है, तो टोपी, छाता, और सनस्क्रीन का उपयोग करें.

हल्के रंग के कपड़े पहनें: हल्के रंग के कपड़े गर्मी को कम अवशोषित करते हैं.

ठंडे पेय पदार्थों का सेवन करें: ठंडे पेय पदार्थ शरीर को ठंडा रखने में मदद करते हैं. भारतीय पेय जैसे नींबू पानी, लस्सी, छाछ, नारियल पानी, फ्रूट जूस आपको गर्मी से बचाएंगे.

घर में पर्दे लगाएं: दिन के समय घर में पर्दे लगाने से गर्मी कम अंदर आएगी.

खिड़कियां और दरवाजे खुले रखें: सुबह, शाम आर रात में खिड़कियां और दरवाजे खुले रखने से घर में ठंडी हवा आएगी.

इन राज्यों में अधिक गर्मी

आईएमडी महानिदेशक मृत्युंजय मोहपात्रा ने कहा कि देश के विभिन्न हिस्सों में अप्रैल-जून अवधि के दौरान सामान्य तौर पर चार से आठ दिन के लू दिवस की तुलना में 10 से 20 दिन तक लू चलने का अनुमान है. गुजरात, मध्य महाराष्ट्र, उत्तरी कर्नाटक, राजस्थान, मध्य प्रदेश, ओडिशा, उत्तरी छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश में लू का सबसे अधिक असर होने का अनुमान है.