LIVE: गाजा में अमेरिका समर्थित सहायता केंद्र बुधवार को रहेंगे बंद
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credit: Image File)

अमेरिका द्वारा समर्थित एजेंसी गाजा ह्यूमैनिटेरियन फाउंडेशन (जीएचएफ) द्वारा चलाए जा रहे सहायता केंद्र बुधवार को अस्थायी रूप से बंद रहेंगे.- इलॉन मस्क ने ट्रंप के 'टैक्स और खर्च बिल' की कड़ी आलोचना की

- ईरान में लापता हुए तीन भारतीय नागरिक बचाए गए

- जापान में 2024 में जन्म लेने वाले बच्चों की संख्या पहली बार 7 लाख से नीचे गिरी

गाजा में अमेरिका समर्थित सहायता केंद्र बुधवार को रहेंगे बंद

अमेरिका द्वारा समर्थित एजेंसी गाजा ह्यूमैनिटेरियन फाउंडेशन (जीएचएफ) द्वारा चलाए जा रहे सहायता केंद्र बुधवार को अस्थायी रूप से बंद रहेंगे. जीएचएफ ने फेसबुक पर लिखा, "4 जून को, वितरण केंद्र नवीनीकरण, पुनर्गठन और सुधार कार्य के लिए बंद रहेंगे."

इस्राएली सेना ने इस अस्थायी बंद की पुष्टि की है और वितरण केंद्रों की ओर जाने वाली सड़कों पर यात्रा न करने की चेतावनी दी है. जीएचएफ ने बताया कि उसने इस्राएली सेना से गाजा में अपने वितरण केंद्रों के आसपास नागरिक सुरक्षा में सुधार करने के लिए कहा है.

स्थानीय अधिकारियों और रेड क्रॉस फील्ड अस्पताल के अनुसार, यह आदेश दक्षिणी गाजा में एक जीएचएफ खाद्य सहायता वितरण केंद्र के पास कम से कम 27 फलीस्तीनियों के मारे जाने और दर्जनों लोगों के घायल होने के एक दिन बाद आया है.

हमास-नियंत्रित गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि इस्राएल द्वारा 18 मार्च को अपने आक्रामक अभियान को फिर से शुरू करने के बाद से कम से कम 4,240 लोग मारे गए हैं, जिससे युद्ध में कुल मौतों की संख्या 54,510 हो गई है.

सहायता केंद्र की घटना के अलावा, नागरिक रक्षा एजेंसी ने मंगलवार को 19 अन्य लोगों के मारे जाने की सूचना दी. सेना ने कहा कि उत्तरी गाजा में उसके तीन सैनिक मारे गए थे, जिससे युद्ध शुरू होने के बाद से क्षेत्र में मारे गए इस्राएली सैनिकों की संख्या 424 हो गई है.

4 जून को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद गाजा में तत्काल युद्धविराम और मानवीय सहायता पहुंच की मांग करने वाले एक प्रस्ताव पर मतदान करेगा. हालांकि, यह उम्मीद की जा रही है कि संयुक्त राज्य अमेरिका इस प्रस्ताव को वीटो कर देगा.

आईपीएल जीतने के बाद बेंगलुरु में विक्ट्री परेड निकालेगी आरसीबी

पहला आईपीएल खिताब जीतने के बाद रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (आरसीबी) ने बेंगलुरु में विक्ट्री परेड निकालने की घोषणा की है. इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, यह परेड बुधवार दोपहर 3:30 बजे विधान सौधा से शुरू होकर एम चिन्नास्वामी स्टेडियम तक जाएगी. यह स्टेडियम आरसीबी का होम ग्राउंड भी है.

ट्रॉफी जीतने के बाद विराट कोहली भी बेंगलुरु जाने के लिए उत्साहित हैं. उन्होंने कहा कि यह कुछ खास होने वाला है. उन्होंने आरसीबी के पूर्व खिलाड़ियों एबी डिविलियर्स और क्रिस गेल को भी जश्न का हिस्सा बनने के लिए आमंत्रित किया. कोहली ने कहा कि “शहर हमारा इंतजार कर रहा है, मैं उनके बारे में सोच रहा हूं…यह बहुत खास है.”

आरसीबी और विराट कोहली के प्रशंसकों को लंबे समय से इस जीत का इंतजार था. विराट कोहली साल 2008 में आईपीएल की शुरुआत से ही आरसीबी के साथ जुड़े हुए हैं. यह टीम पहले भी तीन बार- 2009, 2011 और 2016 में फाइनल में पहुंची थी, लेकिन जीत हासिल नहीं कर सकी. साल 2025 में टीम ने अपना पहला आईपीएल खिताब जीता है.

जजों के रिटायरमेंट के बाद सरकारी पद लेने पर क्या बोले सीजेआई गवई

भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) बीआर गवई ने जजों द्वारा रिटायरमेंट के बाद सरकारी पद लिए जाने या चुनाव लड़ने पर चिंता जताई है. उन्होंने कहा कि इस तरह की प्रथाएं गंभीर नैतिक सवाल खड़े करती हैं और न्यायपालिका में जनता के विश्वास को कमजोर करती हैं. उन्होंने कहा कि उन्होंने शपथ ली है कि वे रिटायरमेंट के बाद किसी सरकारी पद को स्वीकार नहीं करेंगे.

लाइव लॉ के मुताबिक, सीजेआई गवई ने यह बातें यूनाइटेड किंगडम के सुप्रीम कोर्ट में आयोजित एक राउंट टेबल चर्चा में कहीं. उन्होंने कहा, “अगर कोई जज रिटायरमेंट के तुरंत बाद कोई अन्य सरकारी पद ले लेता है या चुनाव लड़ने के लिए इस्तीफा देता है तो इससे नैतिक चिंताएं पैदा होती हैं.”

उन्होंने आगे कहा, “एक जज द्वारा राजनीतिक पार्टी के लिए चुनाव लड़ने से न्यायपालिका की स्वतंत्रता और निष्पक्षता के बारे में संदेह पैदा हो सकता है. इसे हितों के टकराव या सरकार का पक्ष लेने के प्रयास के रूप में देखा जा सकता है.”

भारत में ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जब रिटायर्ड जजों को सरकारी पदों पर नियुक्त किया गया. इनमें सबसे ज्यादा चर्चित मामला पूर्व सीजेआई रंजन गोगोई का है. वे 17 नवंबर, 2019 को सुप्रीम कोर्ट से रिटायर हुए थे और छह महीने के भीतर तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उन्हें राज्यसभा के लिए नामित कर दिया था. इस पर काफी विवाद हुआ था.

ट्रंप के स्टील और एल्युमिनियम पर 50 फीसदी टैरिफ आज से लागू

अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के आदेश के बाद, अमेरिका में स्टील और एल्युमिनियम पर आयात शुल्क को दोगुना कर 50 फीसदी कर दिया गया है. आयात शुल्क की यह नई दर बुधवार से लागू हो गई है.

डॉनल्ड ट्रंप कथित व्यापार घाटे को संतुलित करना चाहते हैं. उनका मकसद अमेरिका के घरेलू उद्योगों को मजबूती देना है. फिलहाल नई दरों से ब्रिटेन को छूट दी गई है. वहां से आने वाले स्टील और एल्युमिनियम पर 25 फीसदी की दर से ही शुल्क लगेगा. दोनों देशों में आयात शुल्क को लेकर एक आपसी समझौता हुआ है.

वाइट हाउस ने कहा कि इस कदम का उद्देश्य "उन विदेशी देशों का मुकाबला करना है जो अमेरिका में कम कीमत वाले, अतिरिक्त स्टील और एल्युमिनियम को बेचना जारी रखते हैं."

पिछले हफ्ते पेंसिल्वेनिया में एक यूएस स्टील प्लांट में श्रमिकों के सामने टैरिफ वृद्धि की घोषणा करते हुए ट्रंप ने कहा था कि इस कदम से "(अमेरिकी) स्टील उद्योग को और अधिक सुरक्षा मिलेगी." उन्होंने कहा, "कोई भी इससे बच नहीं पाएगा."

दक्षिण कोरिया के नए राष्ट्रपति बोले, "कितनी भी महंगी क्यों न हो, शांति युद्ध से बेहतर है"

दक्षिण कोरिया के नए राष्ट्रपति ली जे-म्युंग ने बुधवार सुबह स्थानीय समयानुसार राजधानी सियोल में नेशनल असेंबली में एक संक्षिप्त उद्घाटन समारोह में राष्ट्रपति पद की शपथ ली.

उद्घाटन समारोह के बाद दिए गए भाषण में उन्होंने दक्षिण कोरिया की गिरती अर्थव्यवस्था को बहाल करने और सुलह का पुल बनाने का संकल्प लिया. नए राष्ट्रपति और उनकी उदारवादी डेमोक्रेटिक पार्टी की सरकार को ऐसी अर्थव्यवस्था विरासत में मिली है, जिसके इस साल केवल 0.8 फीसदी की दर से बढ़ने की उम्मीद है, जो 2020 के बाद से सबसे कमजोर वृद्धि दर है.

उन्हें दिसंबर 2024 में पूर्व राष्ट्रपति यून सुक योल द्वारा मार्शल लॉ लगाने के असफल प्रयास से पैदा हुए ध्रुवीकरण के खिलाफ देश को एकजुट करना होगा. अपने भाषण में ली ने जोर देकर कहा कि "मार्शल लॉ संकट" के बाद लोकतंत्र को बहाल करने का समय आ गया है.

उन्होंने कोरियाई प्रायद्वीप पर शांति सुनिश्चित करने के लिए उत्तर कोरिया के साथ बातचीत करने की भी बात कही. उन्होंने कहा, "कितनी भी महंगी क्यों न हो, शांति युद्ध से बेहतर है."

अप्रैल से अब तक दो लाख से ज्यादा अफगान नागरिक छोड़ चुके हैं पाकिस्तान

पाकिस्तान के गृह मंत्रालय ने बताया है कि सरकार द्वारा अप्रैल में निर्वासन अभियान फिर से शुरू करने के बाद से 200,000 से ज्यादा अफगान नागरिक पाकिस्तान छोड़ चुके हैं. मंत्रालय के अनुसार, अप्रैल में 135,000 से ज्यादा अफगानों ने पाकिस्तान छोड़ा, जबकि मई में यह संख्या घटकर 67,000 हो गई और जून के पहले दो दिनों में 3,000 से ज्यादा लोगों को वापस भेज दिया गया.

पिछले कई दशकों से लाखों अफगान नागरिक लगातार युद्धों से भागकर पाकिस्तान में प्रवेश कर चुके हैं. 2021 में तालिबान सरकार की वापसी के बाद से सैकड़ों-हजारों लोग आए हैं. लेकिन मंत्रालय ने यह भी बताया कि 2023 में इस्लामाबाद द्वारा अपना प्रत्यावर्तन कार्यक्रम शुरू करने के बाद से दस लाख से ज्यादा अफगान नागरिक पाकिस्तान छोड़ चुके हैं.

संयुक्त राष्ट्र के अंतरराष्ट्रीय प्रवासन संगठन ने मंगलवार को ईरान से निर्वासित किए जा रहे अफगान परिवारों की संख्या में वृद्धि पर चिंता व्यक्त की, जिसमें मई में 15,675 क्रॉसिंग दर्ज की गईं, जो पिछले महीने की तुलना में दोगुनी से भी ज्यादा है.

जापान में 2024 में जन्म लेने वाले बच्चों की संख्या पहली बार 7 लाख से नीचे गिरी

जापान में पिछले साल पैदा हुए बच्चों की संख्या 7 लाख से नीचे चली गई है. यह पहली बार हुआ है. बुधवार को जापान की सरकार की ओर से जारी आंकड़ों में यह बात सामने आई है. तेजी से बूढ़े होते देश में 2024 में केवल 686,061 बच्चों ने जन्म लिया. यह 2023 में पैदा हुए बच्चों की तुलना में लगभग 5.7 फीसदी यानी 41,227 कम है.

वर्ल्ड बैंक के मुताबिक जापान में दुनिया की दूसरी सबसे ज्यादा बूढ़ी आबादी रहती है. उसके आगे सिर्फ मोनाको है. मोटे तौर पर यहां शादियों और बच्चों की पैदाइश में देरी को इसकी वजह माना जाता है.

जापान में फर्टिलिटी की दर भी 2023 के 1.20 से घट कर 1.15 पर आ गई है जो रिकॉर्ड है. फर्टिलिटी दर का मतलब है एक महिला के पूरे जीवनकाल में बच्चे पैदा करने की औसत संख्या. जापान में बच्चों की पैदाइश और फर्टिलिटी की दर दोनों पिछले 9 साल से लगातार घट रहे हैं.

ईरान में लापता हुए तीन भारतीय नागरिक बचाए गए

ईरान में लापता हुए तीन भारतीय नागरिकों को तेहरान पुलिस द्वारा बचा लिया गया है. भारत में ईरानी दूतावास ने अपने एक्स हैंडल पर यह जानकारी दी है. उन्होंने लिखा है, ईरान की स्थानीय मीडिया ने बताया है कि ईरान में लापता हुए तीन भारतीय पुरुषों को पुलिस ने ढूंढ़ कर छुड़वा दिया है.

दूतावास ने अपनी पोस्ट में मेहर न्यूज एजेंसी की एक खबर भी जोड़ी है. इस खबर के मुताबिक, तीन भारतीयों के अपहरण की सूचना 1 मई को तेहरान पुलिस को दी गई थी. ये तीनों लोग पंजाब के थे और 1 मई को ऑस्ट्रेलिया जाते समय ईरान पहुंचे थे.

एक स्थानीय ट्रैवल कंपनी ने उन्हें ऑस्ट्रेलिया में अच्छी तनख्वाह वाली नौकरी दिलाने का वादा किया था. हालांकि, ईरान पहुंचने के कुछ समय बाद ही वे लापता हो गए थे. उनके परिजनों ने केंद्र सरकार से उन्हें ढूंढ़ने की अपील की थी.

इलॉन मस्क ने ट्रंप के 'टैक्स और खर्च बिल' की कड़ी आलोचना की

अरबपति इलॉन मस्क ने अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के प्रमुख टैक्स और खर्च बिल को 'घिनौना' बताया है. मस्क, जिन्हें ट्रंप का एक बड़ा सहयोगी माना जाता है, ने यह टिप्पणी तब की जब वे हाल ही में ट्रंप प्रशासन में अपने काम के बाद वाशिंगटन से हटे, जहां उन्होंने 'डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी' (डीओजीई) का नेतृत्व किया था.

यह विधेयक, जिसे ट्रंप ने "बिग ब्यूटीफुल बिल" नाम दिया है, अब तक प्रतिनिधि सभा से पारित हो चुका है, लेकिन सीनेट में कई रिपब्लिकन द्वारा इसे रोका जा रहा है, जो खर्च में और कटौती चाहते हैं. यह विधेयक 2017 की कर कटौतियों का विस्तार करता है और रक्षा और सीमा सुरक्षा के लिए खर्च की सीमा बढ़ाता है, जिससे संघीय सरकार के 36.2 ट्रिलियन डॉलर के कर्ज में 3.8 ट्रिलियन डॉलर का इजाफा होगा.

इस विधेयक से मस्क की टेस्ला इलेक्ट्रिक कार कंपनी पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा क्योंकि यह हरित ऊर्जा सब्सिडी में भारी कटौती करता है. मस्क ने अपने प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में इस विधेयक के लिए मतदान करने वालों की आलोचना करते हुए कहा, "आप जानते हैं कि आपने गलत किया. आप यह जानते हैं."