Freedom of Religion Bill Passed: मध्यप्रदेश फ्रीडम ऑफ रिलिजन बिल विधानसभा में पारित, पढ़ें पूरी जानकारी
गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा (Photo Credits-ANI Twitter)

भोपाल: मध्य प्रदेश फ्रीडम ऑफ रिलीजन बिल 2021 सोमवार को विधानसभा में पारित किया गया. इस विधेयक को राज्य के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने पेश किया था. विधेयक को उत्तर प्रदेश द्वारा पारित कानून की रेखा पर विधानसभा में पारित किया गया, जिसमें समान प्रावधान हैं. इस विधेयक में कुछ मामलों में 10 साल के कारावास और उल्लंघनकर्ताओं के लिए भारी जुर्माना के प्रावधान थे. राज्य में इस विधेयक को राज्यपाल की मंजूरी मिलने के बाद लागू किया जाएगा. इसके तहत जबरन धर्म परिवर्तन कराने वालों को पांच साल से लेकर 10 साल तक की जेल हो सकती है. इस अध्यादेश के अनुसार अब जबरन, डरा धमकाकर, लालच देकर धर्म परिवर्तन कर शादी करने वाले शख्स पर संबंधित कानून के तहत कार्रवाई की जाएगी.

जबरदस्ती या डरा धमकाकर की गई शादी को नहीं माना जाएगा. राज्य के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बता कि एक महीने के भीतर इस अध्यादेश के तहत 23 मामले दर्ज किए गए है. उन्होंने कहा था कि भोपाल डिवीजन में सबसे ज्यादा सात मामले सामने आए हैं, जिनमें इंदौर में पांच, जबलपुर और रीवा में चार-चार और ग्वालियर डिवीजन में तीन मामले दर्ज किए गए हैं. यह भी पढ़ें: Love-Jihad Law: असदुद्दीन ओवैसी का बड़ा हमला, कहा- संविधान में 'लव जिहाद' का कोई जिक्र नहीं, BJP शासित राज्य संविधान का मजाक बना रहे हैं

देखें ट्वीट:

जाहिर तौर पर इस बिल का लक्ष्य 'लव जिहाद' को ख़त्म करना है. लव जिहाद कुछ हिंदू कार्यकर्ताओं द्वारा मुस्लिम पुरुषों और हिंदू महिलाओं के बीच संबंधों को परिभाषित करने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला एक शब्द है, जो मानते हैं कि मुस्लिम पुरुष रूपांतरण के लिए गैर-मुस्लिम समुदायों से संबंधित महिलाओं से शादी करते हैं. यह भी पढ़ें: 'Love Jihad' Ordinance:  यूपी कैबिनेट की बैठक में 'लव जिहाद' के खिलाफ अध्यादेश पास, जानें कितने साल की सजा का है प्रावधान

हमारी सरकार सभी धर्मों और जातियों की है. कोई भेदभाव नहीं है, लेकिन अगर कोई हमारी बेटियों के साथ घृणित कुछ भी करने की कोशिश करता है, तो मैं आपको तोड़ देंगे. अगर कोई धार्मिक रूपांतरण करता है या 'लव जिहाद' जैसा कुछ करता है, तो आप नष्ट हो जाएंगे. विधेयक को उत्तर प्रदेश द्वारा पारित लव जिहाद कानून की बेस पर विधानसभा में पारित किया गया है, जिसमें समान प्रावधान हैं.