भोपाल: मध्य प्रदेश में बीते साल छह जून को मंदसौर जिले में किसानों पर पुलिस जवानों द्वारा की गई फायरिंग और पिटाई में मारे गए सात लोगों की मौत के एक वर्ष पूरा होने पर किसानों का दस दिवसीय आंदोलन आज से शुरू हो गया है. इस आंदोलन का सुबह से मिला-जुला असर नजर आ रहा है, वहीं पुलिस और प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं. राजधानी भोपाल से लेकर मंदसौर और प्रदेश के अन्य हिस्सों में शुक्रवार को किसानों के आंदोलन का मिला-जुला असर नजर आ रहा है. दूध की आपूर्ति पर असर हुआ है, तो सब्जियां मंडियों तक आसानी से नहीं पहुंची हैं. यही कारण है कि सब्जियों के दाम बढ़ गए हैं.
किसान आंदोलन का महानगरों पर ज्यादा असर नहीं है, लेकिन छोटे शहरों और कस्बों में किसान आंदोलन का व्यापक असर नजर आ रहा है. कई जगह दूध और सब्जियों की किल्लत साफ नजर आ रही है.
Punjab: Farmers in Faridkot throw their produce and hold back supplies like vegetable, fruits and milk from being supplied to cities, demanding farmer loan waiver and implementation of Swaminathan commission (Earlier visuals) pic.twitter.com/fefveQLHqo
— ANI (@ANI) June 1, 2018
आम किसान यूनियन के प्रमुख केदार सिरोही ने आईएएनएस को बताया, "किसान एकजुट हैं, वे अपना विरोध जारी रखे हुए हैं. 'गांव बंद' आंदोलन का असर साफ नजर आ रहा है. सरकार की हर संभव कोशिश है, इस आंदोलन को असफल करने की, लेकिन किसान किसी भी सूरत में सरकार के आगे झुकने को तैयार नहीं है."
More than 130 Farmers organisations are with us. This has now become a nationwide agitation. We have named the protest 'Gaon Band'. We won't go to cities, as we don't want to heckle the normal lives of the people: Shiv Kumar Sharma, President, Rashtriya Kisan Mazdoor Mahasangh pic.twitter.com/1UW0L0y7Nw
— ANI (@ANI) June 1, 2018
सरकार द्वारा इस आंदोलन को आम किसान यूनियन का बताकर प्रचारित किए जाने को लेकर भी किसानों में नाराजगी है. राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवकुमार शर्मा का कहना है कि सरकार किसानों की बात न करके आंदोलन को लेकर भ्रम फैलाने में लगी है. सवाल यह नहीं है कि यह आंदोलन किसका है, सवाल यह है कि किसानों की मांगें तो जायज हैं. सरकार को किसानों की मांगों को मानना चाहिए.
वहीं दूसरी ओर, पुलिस और प्रशासन ने किसान आंदोलन के मद्देनजर ग्रामीण इलाकों से शहरी क्षेत्रों में आने वाले दूध विक्रेताओं, सब्जी विक्रेताओं पर खास नजर रखी है. जगह-जगह पुलिस बल की तैनाती की गई है. अर्ध सैनिक बलों की कंपनियां भी सुरक्षा के लिए बुलाई गई हैं.