नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) की अध्यक्षता में जीएसटी (गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स) परिषद की 37वीं बैठक में बड़े फैसले होने की उम्मीद है. इससे पहले सरकार ने कारोबार जगत को मंदी से उबारने और गति देने के लिए कार्पोरेट टैक्स घटाने का ऐलान किया है. साथ ही मेक-इन-इंडिया को बढ़ावा देने के लिए अलग से प्रस्ताव पेश किए गए है. वहीं निर्मला सीतारमण के ऐलान के बाद 1615 अंक बढ़कर 37708 तक बढ़ गया. इसके साथ ही निफ्टी भी 450 अंक बढ़कर 11,156 पर कारोबार कर रहा है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक अध्यादेश लाकर घरेलू कंपनियों, नयी स्थानीय विनिर्माण कंपनियों के लिये कॉरपोरेट कर कम करने का प्रस्ताव दिया है. बैठक के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि एक अक्टूबर के बाद बनी नई घरेलू विनिर्माण कंपनियां बिना किसी प्रोत्साहन के 15 प्रतिशत की दर से आयकर भुगतान कर सकती हैं. इसके साथ नई विनिर्माण कंपनियों के लिये सभी अधिशेषों और उपकर समेत प्रभावी दर 17.01 प्रतिशत होगी.
FM Nirmala Sitharaman: To boost Make in India, another insertion inserted to Income Tax Act with effect from 2019-20, which allows any new domestic company incorporated on or after 1st Oct 2019 making fresh investment in manufacturing an option to pay income tax at rate of 15%. https://t.co/cWSg5xZhgu
— ANI (@ANI) September 20, 2019
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वहीं मिनियम अल्टरनेट टैक्स (MAT) को कम कर दिया गया है. यह मौजूदा दर 18.5% से घटाकर 15% कर दी गई है. कंपनियां 22 प्रतिशत की दर से आयकर भुगतान करने का विकल्प चुन रही हैं, उन्हें न्यूनतम वैकल्पिक कर का भुगतान करने की जरूरत नहीं होगी. अधिशेषों और उपकर समेत प्रभावी दर 25.17 प्रतिशत होगी.
Nifty up by +451.90 points, currently at 11,156.70 https://t.co/P0aYRWBHzG
— ANI (@ANI) September 20, 2019
सीतारमण ने कहा कि नई दर इस वित्त वर्ष के एक अप्रैल से प्रभावी होगी. उन्होंने कहा कि दर कम करने तथा अन्य घोषणाओं से राजस्व में सालाना 1.45 लाख करोड़ रुपये की कमी का अनुमान है. वित्त मंत्री ने एक अन्य राहत देते हुए कहा कि जिन सूचीबद्ध कंपनियों ने पांच जुलाई से पहले शेयरों की पुनर्खरीद की घोषणा की है, उन्हें भी धनाढ्य-उपकर (Wealth Cess) नहीं देना होगा.