मोइन कुरैशी मामले में सतीश बाबू सना की विशेष CBI कोर्ट में हुई पेशी, मिली 5 दिन की ED रिमांड
प्रवर्तन निदेशालय (Photo Credits: ANI)

मोइन कुरैशी मामले (Moin Qureshi case) में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) (Enforcement Directorate) ने हैदराबाद के कारोबारी सतीश बाबू सना (Satish Babu Sana) को शनिवार की सुबह दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया है. सतीश बाबू सना पर सीबीआई के स्पेशल डायरेक्टर रहे राकेश अस्थाना (Rakesh Asthana) पर 5 करोड़ रुपए की रिश्वत मांगने का आरोप लगया था. इसके साथ ही उसने अस्थाना के खिलाफ भ्रष्टाचार, जबरन वसूली, मनमानापन और गंभीर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे. सतीश बाबू के इन आरोपों के चलते सीबीआई के निदेशक रहे आलोक वर्मा ने अस्थाना और इसमें शामिल अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी.

सतीश बाबू सना को गिरफ्तार करने के बाद ईडी ने उसे सीबीआई की विशेष अदालत में पेश किया. जहां प्रवर्तन निदेशालय ने उसकी 14 दिन की रिमांड मांगी, जिसके बाद अदालत ने उसे पांच दिन के लिए ईडी रिमांड पर भेज दिया है.

सतीश बाबू सना को 5 दिन की ED रिमांड-

मामला सामने आने के बाद राकेश अस्थाना ने बताया कि सतीश बाबू, मोइन कुरैशी के भ्रष्टाचार का हिस्सा था और उस पर मोइन कुरैशी से 50 लाख रुपए लेने का आरोप है. इसका मतलब साफ है कि सीवीसी और पीएमओ के सामने राकेश अस्थाना ने जो शिकायत की थी वो वास्तविक थी.

सतीश बाबू सना को ईडी ने किया गिरफ्तार-

बता दें कि सीबीआई ने पिछले साल 15 अक्टूबर को सतीश बाबू सना से कथित रूप से रिश्वत लेने के आरोप में राकेश अस्थाना के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी. आरोप था कि मांस कारोबारी मोइन कुरैशी के केस को रफ-दफा करने के लिए दो बिचौलियों मनोज प्रसाद और सोमेश प्रसाद के जरिए उन्हें दो करोड़ रुपये की रिश्वत दी गई थी. यह भी पढ़ें: राकेश अस्थाना को दिल्ली हाई कोर्ट से झटका, FIR रद्द करने की याचिका खारिज, जारी रहेगी जांच

कौन है मोइन कुरैशी?

साल 1993 में एक छोटे बूचड़खाने से अपने कारोबार की शुरुआत करने वाला मोइन अख्तर कुरैशी उत्तर प्रदेश के कानपुर का रहने वाला है. छोटे स्तर से अपने कारोबार की शुरुआत करने वाला मोइन बहुत ही कम समय में देश का सबसे बड़ा मांस कारोबारी बन गया. महज 25 सालों में उसने कंस्ट्रक्शन और फैशन समेत कई सेक्टरों में 25 से ज्यादा कंपनिया खड़ी कर ली.

उसके खालाफ टैक्स चोरी, मनी लॉन्ड्रिंग और भ्रष्टाचार में शामिल होने जैसे कई आरोप लगे. उस पर हवाला के जरिए बड़ा लेनदेन का आरोप लगा. इसके साथ ही मोइन कुरैशी पर सीबीआई अफसरों, राजनेताओं सहित कई अधिकारियों को रिश्वत देने के आरोप भी लगे.