चंडीगढ़: भारतीय वायुसेना (आईएएफ) की ताकत में बड़ा इजाफा होने जा रहा है. दरअसल अमेरिका में निर्मित युद्धक हेलीकाप्टर अपाचे एएच-64ई की पहली खेप मंगलवार को भारतीय वायुसेना के बेड़े में शामिल हो रही है. एक खास कार्यक्रम में वायुसेना की लड़ाकू क्षमता बढ़ाने के लिए आठ ‘अपाचे एएच-64ई’ लड़ाकू हेलीकॉप्टर आईएएफ में शामिल किया जाएगा. एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआ पठानकोट एयर फोर्स स्टेशन में आयोजित होने वाले इस समारोह के मुख्य अतिथि होंगे.
भारतीय वायुसेना ने सितंबर 2015 में अमेरिकी सरकार और मेसर्स बोइंग लिमिटेड के साथ 22 अपाचे हेलीकॉप्टरों के लिए एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए थे. इन हेलीकॉप्टरों के पहले जत्थे को इस वर्ष जुलाई तक भारत भेजने की योजना थी. भारतीय वायुसेना के चयनित वायु और थल कर्मियों ने अलबामा में अमरीकी सेना के बेस फोर्ट रकर में इसका प्रशिक्षण लिया है. प्रशिक्षण प्राप्त ये कर्मी भारतीय वायुसेना में अपाचे बेड़े का नेतृत्व करेंगे.
एएच-64 ई (आई) हेलीकॉप्टर का भारतीय वायुसेना के हेलीकाप्टर बेड़े में शामिल हो जाना भारतीय वायुसेना के आधुनिकीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. इस हेलीकॉप्टर को भारतीय वायुसेना की भविष्य की आवश्यकताओं के अनुरूप बनाया गया है, खासतौर पर पहाड़ी इलाकों में इसकी क्षमता महत्वपूर्ण होगी.
हेलीकॉप्टर में सीमाओं पर सटीक हमले करने और जमीन से होने वाले खतरों के साथ-साथ हवाई क्षेत्र में शत्रुतापूर्ण कार्यवाही से निपटने की अपार क्षमता है. इन हेलिकॉप्टरों के माध्यम से युद्ध की तस्वीर प्राप्त करने और भेजने के साथ-साथ डेटा नेटवर्किंग के माध्यम से हथियार प्रणालियों को संचालित भी किया जा सकता है. ये हेलीकॉप्टर हमले के समय थल सेना को संयुक्त अभियानों में भी महत्वपूर्ण सहायता प्रदान करेंगे.