Delhi HC On Abortion: दिल्ली हाईकोर्ट ने 33 सप्ताह की गर्भवती महिला (33 weeks Pregnant Woman) के गर्भपात की अनुमति मांगने वाली याचिका पर आज सुनवाई की. इसके बाद कोर्ट ने महिला को गर्भपात कराने की मंजूरी दे दी है. दरअसल, भ्रूण मस्तिष्क संबंधी विकृति से पीड़ित है. मेडिकल बोर्ड की एक रिपोर्ट और विशेषज्ञ डॉक्टरों की दलीलें सुनने के बाद हाईकोर्ट ने यह फैसला सुनाया है. ये भी पढ़ें- Delhi High Court On Abortion: दिल्ली HC ने 23 सप्ताह के गर्भवती महिला को नहीं दी गर्भपात की इजाजत, कहा- गोद दे सकती हैं बच्चा, गुप्त रहेगी पहचान
महिला ने दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाते हुए 33 हफ्ते के गर्भ को गिराने की अनुमति मांगी थी. 12 नवंबर के अल्ट्रासाउंड में महिला को पता चला कि कि गर्भ में पल रहे भ्रूण में सेरेब्रल विकार ( मस्तिष्क से जुड़ी गंभीर बीमारी) है. इसके बाद उसने 14 नवंबर को एक निजी अस्पताल में अल्ट्रासाउंड जांच कराई. इसमें भी इसी विकार की पुष्टि हुई.
#BREAKING Mother's choice is ultimate: Delhi High Court allows 33-week pregnant woman to terminate pregnancy
reports @prashantjha996 #DelhiHighCourt https://t.co/KCHvUZYR4j
— Bar & Bench (@barandbench) December 6, 2022
भारत में गर्भपात को लेकर क्या हैं नियम?
भारत में MTP ACT (1971) के तहत अबॉर्शन कानूनी है. इसे बाद में संशोधित किया गया. प्रत्येक महिला को अबॉर्शन का अधिकार है. भारत में पहले 20 हफ्ते तक अबॉर्शन कराने की मंजूरी थी, लेकिन 2021 में इस कानून में संशोधन हुआ. अब भारत में 24 हफ्ते तक अबॉर्शन कराने की अनुमति दी गई है.