
देश के सबसे बड़े अर्बन कोऑपरेटिव बैंक (Urban Cooperative Bank) सरस्वत बैंक (Saraswat Bank) ने मंगलवार को घोषणा की है, कि वह संकट में फंसे न्यू इंडिया कोऑपरेटिव बैंक (NICB) का अपने साथ मर्जर (New India Cooperative Bank Merger) करने जा रहा है. सरस्वत बैंक के चेयरमैन गौतम ठाकुर ने बताया कि एनआईसीबी के 1.22 लाख से ज्यादा जमाकर्ताओं की जमा राशि पूरी तरह सुरक्षित रहेगी और उन्हें किसी तरह की कटौती (Haircut) का सामना नहीं करना पड़ेगा. उन्होंने कहा है, कि मर्जर के बाद सभी जमाकर्ता अपनी पूरी जमा राशि निकाल सकेंगे, जबकि फिलहाल हर खाते से अधिकतम 25,000 रुपये तक की ही निकासी की अनुमति है.
सितंबर 2025 तक पूरा हो सकता है मर्जर
गौतम ठाकुर ने बताया कि इस मर्जर के लिए सरस्वत बैंक ने खुद पहल करते हुए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) से संपर्क किया है. उन्हें उम्मीद है, कि यह पूरी प्रक्रिया सितंबर 2025 के आखिर तक पूरी हो जाएगी. इससे पहले, दोनों बैंकों के शेयरधारकों से मंजूरी ली जाएगी, जिसमें लगभग तीन हफ्ते का समय लगेगा. जब दोनों पक्षों की सहमति मिल जाएगी, तो प्रस्ताव आरबीआई को भेजा जाएगा और फिर आरबीआई मर्जर की अंतिम तारीख तय करेगा.
एनआईसीबी घोटाले में डूबा, लेकिन संपत्तियां अब भी मजबूत
फरवरी 2025 में न्यू इंडिया कोऑपरेटिव बैंक में करीब 122 करोड़ रुपये के घोटाले का मामला सामने आया था, जिसके बाद आरबीआई ने बैंक को अपने नियंत्रण में ले लिया था, और एक प्रशासक नियुक्त किया था. हालांकि, मार्च 2025 तक एनआईसीबी के पास अब भी 1,100 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्तियां मौजूद थीं.
सरस्वत बैंक के चेयरमैन गौतम ठाकुर ने बताया कि न्यू इंडिया कोऑपरेटिव बैंक ने जो लोन दिए हैं, वह सभी गैर-निष्पादित (NPA) नहीं हैं. यानी कुछ लोन अब भी सही तरीके से चुकाए जा रहे हैं. उन्होंने भरोसा जताया है, कि सरस्वत बैंक के पास 36,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्तियां हैं, इसलिए वह इस मर्जर का असर आसानी से संभाल सकता है. फिलहाल सरस्वत बैंक का एनपीए रेशियो 2.25% है, जो मर्जर के बाद थोड़ा बढ़ सकता है, लेकिन आने वाले समय में यह दोबारा सामान्य हो जाएगा.
एनआईसीबी के कर्मचारियों को मिलेगा मौका, लेकिन जांच के बाद
फिलहाल न्यू इंडिया कोऑपरेटिव बैंक में लगभग 200 कर्मचारी काम कर रहे हैं. सरस्वत बैंक के चेयरमैन गौतम ठाकुर ने बताया कि मर्जर से पहले सभी कर्मचारियों की जांच की जाएगी. जो कर्मचारी घोटाले में शामिल नहीं पाए जाएंगे, उन्हें सरस्वत बैंक में जगह दी जाएगी. लेकिन जिनका नाम किसी भी तरह से घोटाले से जुड़ा होगा, उन्हें बैंक में शामिल नहीं किया जाएगा.
ब्रांच नेटवर्क और विस्तार की योजना
न्यू इंडिया कोऑपरेटिव बैंक के पास फिलहाल 27 ब्रांच हैं, जिनमें से 17 मुंबई में स्थित हैं. दूसरी ओर, सरस्वत बैंक की मुंबई में 120 ब्रांच हैं, जिनमें से 30 ब्रांच उन बैंकों से जुड़ी हैं, जो पहले मर्जर के ज़रिए इसमें शामिल हुए थे. सरस्वत बैंक के चेयरमैन गौतम ठाकुर ने बताया कि दोनों बैंकों के कामकाज के तरीके में काफी समानता है, इसलिए यह मर्जर ग्राहकों के लिए फायदेमंद साबित होगा.
सरस्वत बैंक का भविष्य का दृष्टिकोण
गौतम ठाकुर ने स्पष्ट किया है, कि सरस्वत बैंक फिलहाल कमर्शियल बैंक बनने की योजना नहीं बना रहा है, और वह एक कोऑपरेटिव बैंक के रूप में ही काम करता रहेगा. हालांकि, अगर भविष्य में कानूनों में बदलाव होता है, और परिस्थितियां अनुकूल होती हैं, तो सरस्वत बैंक यूनिवर्सल बैंक बनने पर जरूर विचार कर सकता है.