नई दिल्ली: आम बजट (Budget) में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने इस बार आम जनता और मध्यम वर्ग (Middle Class) के लिए साल 2022-23 का बजट कैसा रहा है. इस पर एक परिवार का कहना है कि रसोई (Kitchen) के लिए बजट में कुछ खास नहीं रहा. मध्यवर्ग का कहना है कि अधिकतर लोगों में यह डर था कि सरकार डायरेक्ट टैक्स (Direct Tax) में बढ़ोतरी कर सकती है लेकिन ऐसा नहीं हुआ. दिल्ली (Delhi) के लक्ष्मी नगर में रहने वाले एक मध्यवर्गीय परिवार का कहना है कि एक समान्य बजट था, बहुत कुछ और किया जा सकता था जो इस बार के बजट में देखने को नहीं मिला. Budget 2022: केंद्रीय बजट का लक्ष्य भारत को आत्मनिर्भर और बलशाली बनाना है- देवेंद्र फडणवीस
इस बजट में सरकार नेमहिलाओं को सशक्त करने और विकास प्रदान करने के लिए 3 योजनाएं शुरू की हैं. इस पर परिवार की गृहणी सरोज का कहना है कि गैस के दाम, तेल के दाम, सब्जियों के दामों में कोई कमी नहीं सुनने को मिल रही है. दलों और अनाज के दाम भी किसी तरह से कम नहीं हुए तो एक हाउसवाइफ होने के नाते उन्होंने इस बजट को अपने मुताबिक नहीं माना. वहीं परिवार के वरिष्ठ सदस्य आरसी जोशी का कहना है कि वह एक रिटायर्ड सर्विसमैन हैं, लेकिन एक रिटायर्ड व्यक्ति होने के तौर पर वह टैक्स स्लैब में छूट की उम्मीद कर रहे थे पर इस बार कोई राहत नहीं मिली.
उन्होंने कहा, इकनॉमिक ग्रोथ तो होगी इस बजट से पर आने वाले कितने और सालों में नए रोजगार पैदा होंगे. ये आज की तारीख में तय करना मुश्किल है. एक इन्कम टैक्स की लिमिट में एक स्लैब के लिए कुछ नहीं किया गया है. एक आम आदमी के पास सेविंग्स नहीं होगी तो वो किस तरीके से कुछ खरीदेगा. उसकी परचेजिंग पवार कम हो जाएगी. इंफ्रास्ट्रक्च र के लिए बात की गई है. 25 हजार किलोमीटर रोड़ के लिए बात की गई है. उसका कब तक फायदा मिलेगा ये अभी कुछ कह नहीं सकते. दूसरा जो कोरोना काल में नौकरी चली गई है या वेतन कम हो गया है उसके लिए सरकार की तरफ से कोई कदम नहीं उठाया गया है.
वहीं परिवार की एक अन्य सदस्य राधिका ने कहा कि एक मध्यवर्गीय परिवार को आंगनवाड़ी महिला को राहत देने से कोई काम नहीं चलने वाला. घर के राशन और गैस के दाम में कमी होनी चाहिये तभी कुछ राहत मिल पाएगी. गृहणी को मोदी सरकार से उम्मीदें थी जो इस बजट से पूरी होती हुई नहीं दिख रही है.
एक अन्य महिला सदस्य पूजा का कहना है कि बजट में राहत जरूरत मिली है कपड़ा सस्ता हुआ है, जूतों के दाम कम हुए हैं पर सब्जियों के दाम, ग्रोसरी दैनिक जरूरतों का सामान भी सस्ता होना चाहिए तभी कोई बात बनती. परिवार में युवा सदस्य अचिन का कहना है, फोन सस्ता होने से युवाओं के लिए कुछ नहीं होने वाला मैं बिजनेस करता हूं स्टेशनरी सामना में सबकुछ महंगा हो गया है. टैक्स बहुत बढ़ गया है ये भी कम करना चाहिए था. हमारे लिए भी सरकार को कुछ करना चाहिए. लोन लेने की क्षमता केवल निम्न वर्ग की बढ़ेगी मध्यवर्ग के लिए कुछ राहत जैसा नहीं है.
वहीं चार्टेड अकाउंटेन्ट की पढ़ाई करने वाली छात्र दीक्षा का कहना है कि बजट एक इक्नॉमिक ग्रोथ के लिए है, इंडस्ट्रीयल ग्रोथ के लिए है. मिडिल क्लास के लिए तो वैसे भी कुछ नहीं होता है. अगर कुछ सस्ता नहीं हुआ है तो महंगा भी नहीं हुआ है, ये इस बजट की खास बात है. उनके हिसाब से टैक्स भी नहीं बढ़ा है कपड़ा-जुटा-चप्पल सस्ता हुआ है ये अच्छे संकेत हैं. ये सब भी बहुत महत्वपूर्ण होता है एक परिवार के लिए. ये एक एवरेज बजट है और सही से चला तो इनॉमिक ग्रोथ हो सकती है और अगले 25 साल के लिए ये बजट अच्छा है.
गौरतलब है कि आम आदमी यानी मिडिल क्लास की उम्मीदें हर बार की तरह इस बार भी टैक्स में राहत मिलने से ही जुड़ी थीं. बजट 2022-23 में टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया गया है.