सुप्रीम कोर्ट अयोध्या (Ayodhya) में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद (Ram Janmabhoomi-Babri Masjid Land Dispute) के सर्वमान्य समाधान के लिए इसे मध्यस्थता (Mediation) के लिए सौंपने के बारे में आज (शुक्रवार) को अपना आदेश सुनाएगा. चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया रंजन गोगोई (CJI Ranjan Gogoi) की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने बुधवार को इस मुद्दे पर विभन्न पक्षों को सुना था. इस पीठ में न्यायमूर्ति एस. ए. बोबडे, न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चन्द्रचूड़, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एस. अब्दुल नजीर भी शामिल है.
Supreme Court to pronounce tomorrow whether to send the Ram Janmabhoomi-Babri Masjid land dispute case for court appointed and monitored mediation for a “permanent solution”. pic.twitter.com/UsBC2u8KE1
— ANI (@ANI) March 7, 2019
पीठ ने कहा था कि इस भूमि विवाद को मध्यस्थता के लिए सौंपने या नहीं सौंपने के बारे में बाद में आदेश दिया जाएगा. इस प्रकरण में निर्मोही अखाड़ा के अलावा अन्य हिन्दू संगठनों ने इस विवाद को मध्यस्थता के लिए भेजने के शीर्ष अदालत के सुझाव का विरोध किया था जबकि मुस्लिम संगठनों ने इस विचार का समर्थन किया था. यह भी पढ़ें- लोकसभा चुनाव 2019: अखिलेश-मायावती के गठबंधन में शामिल होगी कांग्रेस? इतनी सीटों का मिला ऑफर
सुप्रीम कोर्ट ने विवादास्पद 2.77 एकड़ भूमि तीन पक्षकारों-सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और रामलला के बीच बराबर-बराबर बांटने के इलाहाबाद हाई कोर्ट के 2010 के फैसले के खिलाफ दायर 14 अपील पर सुनवाई के दौरान मध्यस्थता के माध्यम से विवाद सुलझाने की संभावना तलाशने का सुझाव दिया था.
भाषा इनपुट