
Mahakumbh Mela Stampede Case: प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ मेले में मची भगदड़ को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई थी. जिस याचिका पर अदालत में आज सुनवाई होने वाली है. हालांकि महाकुंभ मेले में मची भगदड़ को लेकर सुप्रीम कोर्ट में भी याचिका दायर की गई थी, लेकिन कोर्ट ने सुनवाई करने से इनकार कर दिया था. कोर्ट ने याचिकाकर्ता को इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर करने का निर्देश दिया. चीफ जस्टिस ने भगदड़ की घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि इस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका पेंडिंग है, और याचिकाकर्ता वहां अपनी बात रख सकते हैं.
याचिकाकर्ता सुरेश चंद्र पांडेय की ओर से दायर की गई PIL:
यह जनहित याचिका याचिकाकर्ता सुरेश चंद्र पांडेय ने दायर की है. याचिका में दावा किया गया है कि भगदड़ में कई लोग मारे गए थे और कई लोग अब भी लापता हैं. उन्होंने अदालत से अनुरोध किया है कि इस मामले में एक न्यायिक निगरानी समिति बनाई जाए, जो निष्पक्ष जांच करे और वास्तविक आंकड़े पेश करे. याचिका में यह भी आरोप लगाया गया है कि भगदड़ में मारे गए लोगों के शवों को अत्यंत दयनीय स्थिति में रखा गया. यह भी पढ़े: Maha Kumbh Stampede: महाकुंभ में सिर्फ एक नहीं, 3 जगह मची थी भगदड़? इन्फ्लुएंसर तान्या मित्तल ने बताया, ‘मैंने लाशों के मोबाइल से हॉट स्पॉट लेकर प्रशासन को कॉल किया’ (Watch Video)
याचिका में यह बात भी की गई
दायर की गई याचिका में लापता और मृतकों की जानकारी जुटाने के लिए एक न्यायिक निगरानी समिति गठित करने की मांग की गई है. मामले की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट की चीफ जस्टिस अरुण भंसाली और जस्टिस क्षितिज शैलेन्द्र की बेंच ने याचिकाकर्ता को निर्देश दिया कि वह अपने आरोपों के समर्थन में संबंधित सामग्री अदालत के रिकॉर्ड में दर्ज कराएं.
13 जनवरी को हुई थी भगदड़:
13 जनवरी को मौनी अमावस्या के दिन प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ में करोड़ों श्रद्धालु अमृत स्नान के लिए संगम तट पर पहुंचे थे. भगदड़ की घटना तब हुई जब श्रद्धालु संगम तट की ओर बढ़ रहे थे.उसी समय वहां पर भगदड़ मच गई. जिस भगदड़ में 30 लोगों की मौत हो गई, जबकि 90 से ज्यादा लोग घायल हो गए. राज्य सरकार ने मृतकों के परिजनों को 25-25 लाख रुपये का मुआवजा देने का ऐलान किया है.