गवर्नर शक्तिकांत दास (Photo Credits: ANI)
मुंबई, 9 अक्टूबर : भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को कहा कि खाद्यान्नों के उत्पादन में देश में नया रिकॉर्ड बन सकता है. शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) ने मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक के फैसले की घोषणा करते हुए कहा कि मानसून बेहतर रहने और खरीफ फसलों के रबके में इजाफा होने से खाद्यान्नों के उत्पादन में नया रिकॉर्ड बन सकता है. इससे पहले आरबीआई गवर्नर ने प्रमुख ब्याज दर रेपो रेट को चार फीसदी पर स्थिर रखने के एमपीसी के फैसले की घोषणा की.
रेपो रेट वह ब्याज दर है जिस पर केंद्रीय बैंक वाणिज्यिक बैंकों को अल्पकालिक कर्ज देता है. वहीं रिवर्स रेपो रेट भी 3.35 फीसदी पर बरकरार रखा गया है. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने अर्थव्यवस्था में सुधार के लक्षणों का जिक्र करते हुए शुक्रवार को कहा कि चालू वित्त वर्ष 2020-21 की चौथी तिमाही में पॉजिटिव ग्रोथ देखने को मिल सकता है. आरबीआई गवर्नर ने कहा कि अर्थव्यवस्था में सुधार के लक्षण दिखने लगे हैं और ग्रामीण अर्थव्यवस्था में सबसे ज्यादा मजबूती है.
यह भी पढ़ें: Covid-19: भारतीय रिजर्व बैंक ने रिवर्स रेपो दर घटाई, अर्थव्यवस्था में नकदी बढ़ाने के लिए की कई उपायों की घोषणा
उन्होंने कहा कि खाद्यान्नों के उत्पादन में देश में नया रिकॉर्ड बन सकता है. शक्ति कांत दास ने मौद्रिक नीति समिति (Monetary Policy Committee) की बैठक के फैसले की घोषणा करते हुए कहा कि मानसून बेहतर रहने और खरीफ फसलों रकबा बढ़ा है और रबी फसलों का भी आउटलुक अच्छा है जिससे खाद्यान्नों के उत्पादन में नया रिकॉर्ड बन सकता है. इससे पहले आरबीआई गवर्नर ने प्रमुख ब्याज दर रेपो रेट को चार फीसदी पर स्थिर रखने के एमपीसी के फैसले की घोषणा की. रेपो रेट वह ब्याज दर है जिस पर केंद्रीय बैंक वाणिज्यिक बैंकों को अल्पकालिक कर्ज देता है. वहीं रिवर्स रेपो रेट भी 3.35 फीसदी पर बरकरार रखा गया है.
देश
IANS|
Oct 09, 2020 11:09 AM IST
गवर्नर शक्तिकांत दास (Photo Credits: ANI)
मुंबई, 9 अक्टूबर : भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को कहा कि खाद्यान्नों के उत्पादन में देश में नया रिकॉर्ड बन सकता है. शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) ने मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक के फैसले की घोषणा करते हुए कहा कि मानसून बेहतर रहने और खरीफ फसलों के रबके में इजाफा होने से खाद्यान्नों के उत्पादन में नया रिकॉर्ड बन सकता है. इससे पहले आरबीआई गवर्नर ने प्रमुख ब्याज दर रेपो रेट को चार फीसदी पर स्थिर रखने के एमपीसी के फैसले की घोषणा की.
रेपो रेट वह ब्याज दर है जिस पर केंद्रीय बैंक वाणिज्यिक बैंकों को अल्पकालिक कर्ज देता है. वहीं रिवर्स रेपो रेट भी 3.35 फीसदी पर बरकरार रखा गया है. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने अर्थव्यवस्था में सुधार के लक्षणों का जिक्र करते हुए शुक्रवार को कहा कि चालू वित्त वर्ष 2020-21 की चौथी तिमाही में पॉजिटिव ग्रोथ देखने को मिल सकता है. आरबीआई गवर्नर ने कहा कि अर्थव्यवस्था में सुधार के लक्षण दिखने लगे हैं और ग्रामीण अर्थव्यवस्था में सबसे ज्यादा मजबूती है.
यह भी पढ़ें: Covid-19: भारतीय रिजर्व बैंक ने रिवर्स रेपो दर घटाई, अर्थव्यवस्था में नकदी बढ़ाने के लिए की कई उपायों की घोषणा
उन्होंने कहा कि खाद्यान्नों के उत्पादन में देश में नया रिकॉर्ड बन सकता है. शक्ति कांत दास ने मौद्रिक नीति समिति (Monetary Policy Committee) की बैठक के फैसले की घोषणा करते हुए कहा कि मानसून बेहतर रहने और खरीफ फसलों रकबा बढ़ा है और रबी फसलों का भी आउटलुक अच्छा है जिससे खाद्यान्नों के उत्पादन में नया रिकॉर्ड बन सकता है. इससे पहले आरबीआई गवर्नर ने प्रमुख ब्याज दर रेपो रेट को चार फीसदी पर स्थिर रखने के एमपीसी के फैसले की घोषणा की. रेपो रेट वह ब्याज दर है जिस पर केंद्रीय बैंक वाणिज्यिक बैंकों को अल्पकालिक कर्ज देता है. वहीं रिवर्स रेपो रेट भी 3.35 फीसदी पर बरकरार रखा गया है.