Munjya Review: 'मुंज्या' में हंसी और डर का अनोखा मिश्रण, अभय वर्मा का दमदार प्रदर्शन!
Munjya Review (Photo Credits: Maddock Films)

Munjya Review:  मैडॉक फिल्म्स अपनी हर फिल्म के साथ ऑडियंस के लिए कुछ नया लेकर आते हैं . नए जॉनर और नए कॉन्सेप्ट ऑडियंस को हमेशा से उत्साहित करते हैं. मैडॉक सुपरनैचुरल यूनिवर्स में 'मुंज्या' फिल्म अब शामिल हो गई है और यह फिल्म ऑडियंस को पूरी तरह से एंटरटेन करने वाली है. फिल्म हंसाने के साथ-साथ डराने में भी पूरी तर से कामयाब साबित होती. आदित्य सरपोतदार द्वारा डायरेक्टेड इस फिल्म में शरवरी वाघ, मोना सिंह, अभय वर्मा और सत्यराज प्रमुख भूमकाओं में हैं. फिल्म आज यानी 7 जून को सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है. Bajrang Aur Ali Review: दिलों में इंसानियत जगाने और मानवता का असली पाठ पढ़ाने का काम करती है 'बजरंग और अली'!

फिल्म की कहानी 1952 में शुरू होती है, जब एक युवा ब्राह्मण लड़का मुन्नी नाम की एक लड़की से प्यार में पूरी तरह से डूब जाता है. लेकिन उसका परिवार उसके प्यार का समर्थन नहीं करता. जब उसकी मां को यह पता चलता है, तो वह उसे कठोरता से सजा देती है और उसे एक खतरनाक अनुष्ठान में शामिल होने के लिए मजबूर करती है. प्यार के प्रेरणा से, लड़का जंगल में एक जोखिमपूर्ण अनुष्ठान की कोशिश करता है, उम्मीद करते हुए कि वह मुन्नी के साथ अपनी शादी को सुरक्षित कर पाएगा, लेकिन यह अनुष्ठान भयानक तरीके से गलत हो जाता है. लड़के की दुखद मौत हो जाती है और उसका परिवार उसे उसी पेड़ के नीचे दफना देता है जहां यह अनुष्ठान हुआ था.

मुंज्या का ट्रेलर

इसके बाद कहानी आज के समय में पुणे में पहुंचती है, जहां बिट्टू (अभय वर्मा), एक शर्मीला लड़का कॉस्मेटोलॉजी का छात्र, अपनी मां पम्मी (मोना सिंह ) और दादी के साथ रहता है. अपने शांत स्वभाव के बावजूद, बिट्टू बेला (शरवरी वाघ ) के लिए गहरी भावनाएं रखता है, लेकिन उन्हें व्यक्त करने के लिए संघर्ष करता है. जब उनके पैतृक गांव में एक शादी के दौरान पुराने पारिवारिक रहस्य सामने आते हैं, तो पम्मी की अनिच्छा और दादी के छिपे हुए डर सामने आते हैं, खासकर चेतुक-बाड़ी के बारे में, जहां मुंज्या की उत्पत्ति हुई थी.

बिट्टू के चाचा खतरनाक राज खोलते हैं, दादी वह लड़की है जिसने अनजाने में अपने भाई को दुष्ट आत्मा, मुंज्या में बदल दिया था. यह सच जानकर बिट्टू को एक डरावनी ताकत का सामना करना पड़ता है, जिसके परिणामस्वरूप उसकी दादी की मौत हो जाती है. अब मुंज्या बेला को अपना निशाना बनता है और बिट्टू को मुन्नी का पता लगाकर आत्मा को खुश करने का एक तरीका खोजना होता है. मुन्नी और कोई नहीं बल्कि बेला की दादी है. एक भूत भगाने वाले की मदद मांगते हुए, बिट्टू बेला को मुंज्या के जाल से बचने के प्रयास में लग जाता है.

फिल्म में सभी कलाकारों ने उत्कृष्ट प्रदर्शन दिया है. अभय वर्मा की एक्टिंग आपका दिल जीत लेगी. उनके एक्सप्रेशन और मुंज्या को साथ लेकर चलने में जो उनकी चाल ढाल बदलती है वह देखने लायक है. साथ ही मोना सिंह ने प्रशंसनीय अभिनय प्रस्तुत किया है. शरवरी ने एक अद्वितीय ढंग से प्रेमिका के किरदार में चमत्कारी रूप से अपनी प्रतिभा प्रकट की है, और सत्यराज ने ज्ञानी भूत भगाने वाले के रूप में उनके प्रभावशाली प्रस्तुति से लोगों को प्रभावित किया है. फिल्म में किरदार उनका छोटा है पर जान फूंकता है.

फिल्म हॉरर-कॉमेडी शैली में एक गेम-चेंजर के रूप में उभरती है, जिसमें एक नयी कहानी और रोमांच और हंसी का भरपूर मिश्रण है. फिल्म का बैकग्राउंड स्कोर एक हॉरर कॉमेडी के हिसाब से बहुत अच्छा दिया गया है जो समय समय पर आपको डराता है और हंसाता भी है.

आदित्य सरपोतदार ने 'मुंज्या' को डायरेक्ट किया है जो दर्शकों को एक शानदार अनुभव और कथात्मक रूप से मनोरंजन करती है. योगेश चांदेकर और निरेन भट्ट द्वारा स्क्रीनप्ले अद्वितीय है.फिल्म में कई मजेदार पल हैं. यह जेन-जेड दर्शकों को ध्यान में रखकर बनाई गई है और अपने हास्य के साथ निशाने पर लगती है.

मुंज्या का गाना

 

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दिनेश विजन और अमर कौशिक द्वारा प्रोड्यूस यह फिल्म इस वीकेंड के लिए परफेक्ट वाच है.हालांकि सेकंड हाफ के बाद फिल्म का अधिकतम फोकस कॉमेडी में हो जाता है जिसकी वजह से वह अपनी सीरियसनेस खोती नजर आती है. पर हां कॉमेडी दमदार है.

सुपरनैचुरल हॉरर कॉमेडी के शौकीनों के लिए, 'मुंज्या' एक ऐसी फिल्म है जिसे आपको जरूर देखनी चाहिए, जो डर और हंसी के एक यादगार मिश्रण का वादा करती है जो आपको पूरी तरह से मनोरंजन करेगी.इस फिल्म को हमारी तरफ से 5 में से 3.5 स्टार.

Rating:3.5out of 5