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देश के कई हिस्सों में बारिश, बाढ़ के साथ ही मौसम में बदलाव भी देखने को मिल रहे हैं, कहीं गर्मी और उमस है तो कहीं बार-बार बारिश। ऐसे में डेंगू, मलेरिया या चिकनगुनिया या तीनों बीमारियां अपने पैर पसारने लगी है। कोरोना काल में इन बीमारियों को कितना बड़ा खतरा मान सकते हैं और लोगों को कोरोना वायरस के साथ इन बीमारियों से कितना सतर्क रहने की जरूरत है, ऐसे तमाम सवालों के जवाब दिये आरएमएल, नई दिल्ली के डॉ. ए के वार्ष्णेय ने.
विश्व के अलग-अलग देशों में प्रकृति अलग-अलग रूप में कहर बरपा रही हैं, जहां कई देशों में आसामानी आफत बारिश और बाढ़ का कहर है, वहीं कैलिफोर्निया की जंगली आग लाखों लोगों और जंगली जीवों के जीवन को अस्त व्यस्त कर दिया है
कोरोना वायरस को भारत में आये 6 महीने से भी ज्यादा का समय हो गया है, बढते संक्रमण को रोकने के लिये देश में टेस्टिंग बढ़ा दी गई है. इसी के तहत लक्षण वाले मरीजों के अलावा अलग-अलग शहरों में सीरो सर्वे भी जारी है.
भारत ने सोमवार को हाइपरसोनिक टेक्नोलॉजी डिमॉन्स्ट्रेटर व्हीकल का सफल परीक्षण किया. यह स्वदेशी रक्षा प्रौद्योगिकियों के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है. इस सफल परीक्षण के साथ ही रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन ने अत्यधिक जटिल प्रौद्योगिकी क्षमता का प्रदर्शन किया है, जो अगली पीढ़ी के हाइपरसोनिक व्हीकल्स के निर्माण में मददगार साबित होगी.
बहुत कम लोग ऐसे होते हैं जो न केवल छोटी उम्र में ही बड़े मंसूबे ठान लेते हैं, बल्कि उन्हें पूरा करने के लिये पूरा जीवन लगा देते हैं. और अगर मंसूबों को पूरा करने के बीच परिस्थितियां कठिन हों और रास्ता चुनौतियों से भरा हो, तो सफलता का स्वाद बेहद मीठा होता है. ऐसी ही सफलता को प्राप्त किया डॉ. सेरिंग लाहडोल ने, जिनको लद्दाख की पहली महिला डॉक्टर होने का गौरव प्राप्त है.
पूरी दुनिया न्यू नॉर्मल की ओर बढ़ रही है. न्यू नॉर्मल में हर व्यक्ति के जीने का तरीका पहले से बिलकुल अलग होगा. खाने-पीने से लेकर घूमने फिरने तक, उठने-बैठने से लेकर काम काज के तरीकों तक, सब बदल चुका है. इन सबके बीच जो एक बात सामने आयी है, वो यह भी है कि अब लोग प्रदूषण के प्रति पहले से ज्यादा सजग हो गए हैं.
सरकार ने देश में हर व्यक्ति को सार्वजनिक जगहों पर मास्क लगाने की हिदायत दी है. दरअसल ऐसा नहीं करने पर संक्रमण की संभावना बढ़ सकती है. अगर किसी ने मास्क नहीं लगाया है तो उसे टोकें. लोगों में जागरूकता जरूरी है. मास्क लगाना केवल खुद की सुरक्षा नहीं, बल्कि दूसरों की सुरक्षा का मामला भी है.
कोरोना से अतिरिक्त सुरक्षा के लिए अब रासायनिक लेप यानी केमिकल लेयर से युक्त मास्क बनाए जा रहे हैं. यह मास्क जीविका स्वयं सहायता समूहों द्वारा पटना और वैशाली में तैयार किए जा रहे हैं. मास्क पर लगाने के लिए रासायनिक लेप आई.आई.टी, मुंबई के सहयोग से तैयार किया गया है.
लखनऊ के रहने वाले आनंद कृष्ण मिश्रा, जो अभी कक्षा 12 में पढ़ रहे हैं, मात्र में 16 वर्ष की उम्र में 'मास्टरजी' बन गए हैं. ये वो मास्टरजी हैं, जो पिछले 8 वर्षों से लखनऊ शहर व आस-पास के क्षेत्रों में रहने वाले गरीब व असहाय बच्चों को पढ़ा रहे हैं.
आजाद भारत के अस्तित्व को विश्व पटल पर पहुंचाने में देश के कई विद्वानों का नाम शामिल हैं, जिन्होंने भारत की संस्कृति, वेद, दर्शन, उपनिषद से पूरे विश्व को परिचित कराया है. उनमें से ही एक नाम है डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन, जो भारत के पहले उप राष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति होने से पहले एक विद्वान, महान शिक्षक, वक्ता, देशभक्त और शिक्षा शास्त्री रहे.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को तीसरे अमरीका-भारत साझेदारी फोरम के शिखर सम्मेलन को संबोधित किया और दुनिया भर के निवेशकों को भारत में निवेश के लिए आमंत्रित किया. उन्होंने कहा कि भारत में ढेर सारे अवसर हैं और भारत में आज जो सरकार है, वो परिणाम देने में विश्वास रखती है.
धीरे-धीरे अनलॉक की प्रक्रिया के तहत देश में सभी तरह की गतिविधियां शुरू हो रही हैं। इसलिये खुद को वायरस से सुरक्षित रखने के लिये लोगों की जिम्मेदारी और बढ़ जाती है। लेकिन जैसे-जैसे लोग बाहर निकलना शुरू कर रहे हैं वायरस को लेकर तमाम आशंकायें सामने आ रही हैं
अक्सर यह सवाल लोग पूछते हैं कि कोरोना वायरस से लड़ने के लिये शरीर में बनने वाले एंटीबॉडे कितने दिन तक रहेंगे और कोरोना का संक्रमण दोबारा हो सकता है या नहीं. इस सवाल का जवाब एक शोध में सामने आ गया है. दरअसल कोरोना से ठीक हुये मरीजों के एंटीबॉडी पर मुंबई में एक शोध किया गया है.
कोविड-19 की वजह से लगाए गए लॉकडाउन के दौरान भारत के अंदर के माइक्रो, स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइसेस पर संकट के गहरे बादल छा गए. वहीं भारत के बाहर अमेरिका और चीन के बीच टैरिफ वॉर छिड़ गई. तमाम निवेशक चीन की कंपनियों से अलग होकर भारत में ज्वाइंट वेंचर के अवसरों को तलाशने लगीं.
हॉकी का नाम लेते ही मेजर ध्यानचंद की छवी सहज उभरकर आती है. फुटबॉल में पेले और क्रिकेट में जो स्थान ब्रैडमैन का है वही स्थान हॉकी में मेजर ध्यानचंद का है. हॉकी का जादूगर कहे जाने वाले ध्यानचंद ने 1928, 1932 और 1936 में भारत को ओलंपिक खेलों में स्वर्ण पदक दिलाये.
महानगरों के बाद देश के अन्य राज्यों में कोरोना के केस बढ़ते जा रहे हैं. इस बीच पिछले कुछ दिनों से देश की राजधानी दिल्ली में कोरोना पर लगी लगाम छूटती जा रही है और नये मामलों में वृद्धि देखी जा रही है. अगर स्वस्थ्य विशेषज्ञ की मानें तो ऐसा लोगों द्वारा बरती जा रही लापरवाही के कारण हो रहा है.
कोरोना संक्रमण मामले में मधुमेह रोगियों को दोहरी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है. सामान्य मरीजों के मुकाबले मधुमेह रोगियों को निमोनिया, फेफड़ों में सूजन तथा अन्य संक्रमण रोग घातक सिद्ध हो सकते हैं क्योंकि मधुमेह रोगियों की प्रतिरोधक क्षमता सामान्य रोगियों के मुकाबले काफी कमजोर होती है
कोरोना वायरस की वैक्सीन अभी नहीं आयी है, लेकिन कई दवाइयां और एंटीवायरल टैबलेट्स कोरोना मरीजों को दी जा रही हैं, जिनसे मरीज ठीक भी हो रहे हैं. ऐसे में कई लोग कोरोना के लक्षण आने पर बिना डॉक्टर की सलाह के दवाइयों का सेवन करने लगते हैं या संक्रमित के संपर्क मात्र आने पर ही दवाइयां खाने लगते हैं.
आयुष मंत्रालय ने शरीर में इम्युनिटी बढ़ाने के लिये आयुर्वेद के सुझाव दिये हैं, जिसमें काढ़ा भी शामिल है. तमाम लोग ऐसे हैं जो नियमित रूप से काढ़ा पी रहे हैं, कुछ जरूरत से ज्यादा पी रहे हैं और कुछ ऐसे हैं, जिन्हें काढ़ा से परेशानी हो रही है. प्रसार भारती से बातचीत में उन्होंने बताया कि वायरस के संक्रमण को कंट्रोल करने के लिए अब हम काफी चीजें कर रहे हैं. कई दवाइयां आ गई हैं.