कोरोना से अतिरिक्त सुरक्षा के लिए अब रासायनिक लेप यानी केमिकल लेयर से युक्त मास्क बनाए जा रहे हैं. यह मास्क जीविका स्वयं सहायता समूहों द्वारा पटना और वैशाली में तैयार किए जा रहे हैं. मास्क पर लगाने के लिए रासायनिक लेप आई.आई.टी, मुंबई (IIT Mumabai) के सहयोग से तैयार किया गया है. कोरोना के इस दौर में मास्क लगाना बेहद जरूरी है. इसी को देखते हुए जीविका दीदी ने ऐसा मेडीकेटेड मास्क तैयार कर रही हैं, जिसको लगातार 6 महीने तक बगैर धोये भी पहना जा सकता है.आई.आई.टी मुंबई के सहयोग से जीविका दीदियां ये मेडीकेटेड मास्क तैयार कर रही हैं.
फिलहाल, वैशाली के लालगंज और पटना के बिहटा की जीविका दीदियों को आई.आई.टी मुंबई द्वारा इस प्रकार के मास्क बनाने का आनलाइन प्रशिक्षण दिया गया है. यह भी पढ़े: Benefits of Wearing Mask: कोरोना से बचने के लिए मास्क पहनना कितना जरूरी है? इसके फायदे जानने के लिए देखें यह खास वीडियो
अभी तक बन चुके 5 लाख मास्क
वैशाली जिला में जीविका दीदियों के द्वारा 16 ब्लाॅक में मास्क उत्पादन का काम हो रहा है। अभी तक तकरीबन 5 लाख मास्क को प्रोडक्शन अभी तक हो चुका है. हम आईसीडीएस, स्वास्थ्य विभाग जैसे सारे सरकारी विभागों को मास्क की सप्लाई दे चुके हैं. मार्केट में भी हमारा मास्क उपलब्ध कराने के लिए अभी कोशिश हो रहा है.
आई.आई.टी. मुंबई ने तैयार किया रसायन
मास्क तैयार कर रही इन जीविका दीदियों का कहना है कि आई.आई.टी मुंबई द्वारा बनाये गये रासायनिक घोल से पहले लेप बनाया जाता है और बाद में, गर्म पानी में इस मिश्रण को घोलकर इसमें मास्क को धोकर अच्छे से सुखा दिया जाता है.अंत में मास्क की पैकेजिंग कर दी जाती है.
ड्यूराकेटेड तकनीक से बने इस मेडिकेटेड मास्क की खासियत यह है कि रासायनिक घोल लगाने के बाद मास्क का 6 महीने तक लगातार इस्तेमाल किया जा सकता है और उसकके बाद मास्क को 20 से भी ज्यादा बार इस्तेमाल किया जाय तो उसका सुरक्षात्मक गुण बना रहता है.
2 लेयर, 3 प्लेट का है मास्क
बिहटा की जीविका दीदी ने बताया कि, ‘जो हमारा नार्मल मास्क होता था, उसे एक या दो बार पहनने के बाद वायरस अन्दर जा सकता था। लेकिन, यह जो मेडीकेटेड मास्क जो बन रहा है, उसे यदि हम 20-25 दिन बाद गर धोऐंगे, तो भी काई बात नहीं होगी।’ मेडीकेटेड मास्क 2 लेयर, 3 प्लेट का है. जिसे रासायनिक घोल में डालकर विषाणुरोधी बनाया जाता है. इसको पहनने से कोरोना संक्रमण का खतरा कम रहता है.
प्रति जीविका दीदी रोज बना रहीं 200 से अधिक मास्क
हर जीविका दीदी प्रतिदिन 200 से लेकर 600 तक मास्क बना रही हैं. इससे इन्हें 500 से लेकर 1000 तक की कमाई हो जाती है . बिहटा की ब्लाॅक अफसर निर्मला कुमार ने बताया कि बिहार में पहली बार हमारे बिहटा में मेडीकेटेड मास्क का उत्पादन शुरू हुआ है। अभी हाल ही में, निर्वाचन आयोग द्वारा भी आदेश किया गया है कि जीविका दीदी द्वारा ही निर्मित किये मास्क का प्रयोग ही निर्वाचन में होना है। इस तरह, यह लोग जहां लोगों को कोरोना से बचा रही हैं, वहीं मास्क का निर्माण करके जीविका दीदियां आर्थिक आत्मनिर्भरता की ओर कदम बढ़ा रही हैं.