Big Blow To China: चीन को बड़ा झटका, विदेशी खिलौनों की विक्री भारत में रोकने के लिए बिहार के प्रवासी मजदूर कर रहे हैं जी तोड़ मेहनत
खिलौना (Photo Credits: Pixabay)

बिहार (Bihar) का खिलौना बाजार अब आयातित खिलौने के भरोसे नहीं रहेगा. अगर सब कुछ ठीक-ठाक रहा, तो जल्द ही यहां भी बड़े पैमाने पर खिलौनों का निर्माण शुरू होगा. मनमानी कर रहे चीन को जोरदार झटका दिया जाएगा. देश के विभिन्न शहरों से लौटे प्रवासी श्रमिकों ने स्थानीय स्तर से लेकर देश के खिलौना बाजार पर चीन के आधिपत्य को समाप्त करने का बीड़ा उठाया है.

लोकल फाॅर वोकल मंत्र लेकर घर लौटे श्रमिक

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) द्वारा शुरू किए गए ‘आत्मनिर्भर भारत’ योजना का इन श्रमिकों पर तगड़ा असर पड़ा है. इसे लेकर कई तरह के छोटे-बड़े उद्योग कलस्टर समूह तैयार किए जा रहे हैं. पीएम नरेन्द्र मोदी ने अपने ‘मन की बात’ में देश को खिलौनों के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की चर्चा की थी.एक बार फिर लोकल फॉर वोकल का मंत्र दिया, तो अब अगरतला में खिलौना बनाने की फैक्टरी में काम करने वाले श्रमिकों की टोली अपने गांव लौट आई है. यह भी पढ़े: रेलवे ने अब तक 806 श्रमिक ट्रेनों के जरिये 10 लाख प्रवासी मजदूरों को घर पहुंचाया: निर्मला सीतारमण

फैक्ट्री मालिक भी कारीगरों के साथ

अगरतला से लौटे विनोद सहनी, राधेश्याम सहनी, छोटे शर्मा एवं सुरेश शर्मा आदि ने बेगूसराय स्टेशन पर बातचीत के दौरान बताया कि स्थानीय स्तर पर रोजगार नहीं मिलने के कारण हम लोग वर्षों से अगरतला के एक फैक्टरी में काम करते थे. जहां बड़े पैमाने पर विभिन्न प्रकार के खिलौने बनाने का काम कर रहे थे. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत की बात हम लोगों ने सुनी. इस संबंध में अपने फैक्ट्री मालिक से बात किया तो उन्होंने भी अपने गांव के आसपास खिलौना निर्माण शुरू करने का सुझाव दिया. फैक्ट्री मालिक उदय प्रताप गौड़ ने कच्चा माल समेत तमाम रॉ मैटेरियल सप्लाई करने वालों से संपर्क करवा दिया है. अब यहां लोन मिल गया, तो यह स्वरोजगार शुरू करेंगे.

बाहर से राॅ मैटीरियल मंगवाने की नहीं होगी जरूरत

इन लोगों ने बताया कि पता चला है बरौनी रिफाइनरी में पेट्रोकेमिकल्स की स्थापना हो रही है. इसकी स्थापना से हम लोगों को रॉ मैटेरियल पानीपत और दिल्ली से मंगवाने की जरूरत नहीं पड़ेगी. फिलहाल बाहर से मेटेरियल लाकर काम शुरू कर रहे हैं। इन लोगों ने बताया कि अपने यहां सबसे अधिक खिलौना चीन से आता है. भारत-चीन में तनाव बढ़ने से अपने यहां बैटरी चालित खिलौना, सॉफ्ट टॉय, रिमोट कंट्रोल खिलौना आदि की कमी हो गई है.

खिलौना कारोबार में भारत ने दी चुनौती

खिलौना उद्योग के लिए यह वक्त संभावनाओं से भरा है। कारोबार के पक्ष में माहौल बन रहा है। सरकार कि नीति ने देशी खिलौना उद्योग के लिए माहौल तैयार कर दिया है. क्षमता एवं डिजायन में भारतीय खिलौने दुनियाभर में कम नहीं हैं और यह उद्योग नई ऊंचाइयों को छू सकता है। खिलौना कारोबार में दुनिया में बादशाहत रखने वाले चीन को हमारे देश ने चुनौती दी है.प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने खिलौना कारोबार में दुनिया में देश की हिस्सेदारी बढ़ाने का आह्वान किया है.

स्वरोजगार से होगा देश का विकास

इस अभियान को सार्थक, देश को आत्मनिर्भर और बिहार को आर्थिक सशक्त बनाकर अपने जीविकोपार्जन तथा आसपास के बेरोजगारों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए हम लोगों ने जमा जमाया काम छोड़ दिया है. अब गांव में ही रहकर आर्थिक रूप से संपन्न परिवार और समाज का निर्माण करेंगे. जितनी मेहनत हम सब परदेस में करते-करते थे, उससेे अधिक मेहनत गांव में रहकर करेंगे। इससे अपना गांव और देश विकसित तथा सुंदर बन जाएगा.