विदेश की खबरें | दर्द क्यों थकाऊ होता है?
श्रीलंका के प्रधानमंत्री दिनेश गुणवर्धने

एडिलेड, 20 सितंबर (द कन्वरसेशन) लगातार दर्द से जुड़ी एक सबसे आम भावना थकान है और यह थकान चरम पर पहुंच सकती है। लंबे समय से दर्द से पीड़ित लोग दूसरों या अपने आस-पास की दुनिया से जुड़ने के लिए ऊर्जा और प्रेरणा की कमी महसूस कर सकते हैं।

ब्रिटेन में दीर्घकालिक स्वास्थ्य समस्याओं से ग्रस्त लोगों पर किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि दर्द और थकान, सक्रिय और सार्थक जीवन जीने में दो सबसे बड़ी बाधाएं हैं।

लेकिन लंबे समय तक दर्द इतना थका देने वाला क्यों होता है? इसका एक संकेत दर्द की प्रकृति और हमारे विचारों और व्यवहारों पर उसका शक्तिशाली प्रभाव है।

अल्पकालिक पीड़ा आपको बचा सकती है

दर्द के बारे में सोचने के आधुनिक तरीके इसके सुरक्षात्मक प्रभाव पर जोर देते हैं। क्योंकि इस तरह से यह आपका ध्यान आकर्षित करता है और शरीर के किसी हिस्से को सुरक्षित रखने के लिए आपको अपना व्यवहार बदलने के लिए मजबूर करता है।

इसे आजमाएं। अपनी त्वचा पर चिकोटी काटिए। जैसे-जैसे आप दबाव बढ़ाएंगे, आप महसूस करेंगे कि जब तक कि एक समय ऐसा न आ जाए कि यह दर्दनाक हो जाए, भावनाएं बदलती हैं। यह दर्द ही है जो आपको ज्यादा दबाने से रोकता है, है न? इस तरह, दर्द हमारी रक्षा करता है।

जब हम चोटिल होते हैं, ऊतक क्षति या सूजन के कारण हमारा पीड़ा तंत्र अधिक संवेदनशील हो जाता है। यह दर्द हमें क्षतिग्रस्त ऊतक को ठीक होने के दौरान यांत्रिक रूप से दबाव डालने से रोकता है। उदाहरण के लिए, टूटे हुए पैर या हमारे पैर के नीचे कट लगने का दर्द हमें उस पर चलने से रोकता है।

यह अवधारणा कि ‘‘दर्द हमारी रक्षा करता है और उपचार को बढ़ावा देता है’’ सबसे महत्वपूर्ण बातों में से एक है। पुराने दर्द से पीड़ित लोगों ने हमें बताया कि उन्होंने यह सीखा था जिससे उन्हें ठीक होने में मदद मिली।

लेकिन लंबे समय तक दर्द आपको जरूरत से ज्यादा संवेदनशील बना सकता है।

अल्पकाल में दर्द हमारी रक्षा करने में बहुत अधिक सहायक होते हैं और हमारी दर्द प्रणाली जितनी अधिक सक्रिय रहती है, वह उतनी ही अधिक सुरक्षात्मक बन जाती है।

लेकिन लगातार दर्द हमें जरूरत से ज्यादा सजग होने को प्रेरित कर सकता है और ठीक होने से रोक सकता है। दर्द से पीड़ित लोगों ने इसे ‘‘दर्द प्रणाली अतिसंवेदनशीलता’’ कहा है। इसे अपने दर्द प्रणाली के ‘रेड अलर्ट’ पर होने के रूप में सोचें और यहीं से थकावट आती है।

दर्द जब रोजाना का अनुभव बन जाता है, जो गतिविधियों, संदर्भों और संकेतों की एक विस्तृत शृंखला द्वारा ‘ट्रिगर’ या परिवर्धित होता है। यह व्यक्ति के संसाधनों पर निरंतर बोझ बन जाता है। दर्द के साथ जीवन जीने के लिए पर्याप्त और निरंतर प्रयास की आवश्यकता होती है, और यह हमें थका देता है।

हममें से लगभग 80 प्रतिशत लोग इतने भाग्यशाली हैं कि उन्हें यह नहीं पता कि दिन-प्रतिदिन, महीनों या सालों तक दर्द सहना कैसा होता है। लेकिन एक पल के लिए कल्पना करें कि यह कैसा होगा।

कल्पना कीजिए कि आपको अपने रोजमर्रा के कार्यों को करने के लिए भी कड़ी मशक्कत करनी पड़े, ताकत जुटानी पड़े और ध्यान भटकाने वाली तकनीकों का उपयोग करना पड़े, काम, देखभाल या अन्य कर्तव्यों को पूरा करने की तो बात ही छोड़िए।

जब भी आप पीड़ा में होते हैं, तो आपके सामने यह विकल्प होता है कि आप इस पर क्या और कैसे काम करें। लगातार यह विकल्प चुनने के लिए विचार, प्रयास और रणनीति की आवश्यकता होती है।

अपने दर्द का जिक्र करना या हर पल, काम या गतिविधि पर इसके असर के बारे में बताना भी थका देने वाला और मुश्किल होता है। यह भी पीड़ादायक होता है जब कोई और आपका दर्द न देखे या महसूस न करे। जो लोग सुनते हैं, उनके लिए यह उबाऊ, थका देने वाला या चिंताजनक हो सकता है।

इसमें कोई आश्चर्य नहीं है कि यह थकाऊ है

दीर्घकालिक दर्द में सिर्फ दर्द तंत्र के लिए ‘चेतावनी’ नहीं होती। पूरे शरीर में सूजन बढ़ जाना (प्रतिरक्षा तंत्र के लिए चेतावनी), हार्मोन कॉर्टिसोल का उत्पादन बाधित होना (एंडोक्राइन तंत्र के लिए चेतावनी), और कठोर और सतर्क हरकतें (मोटर तंत्र के लिए चेतावनी) भी दीर्घकालिक दर्द के साथ-साथ होती हैं।

इनमें से प्रत्येक से थकान बढ़ाती है। इसलिए पुराने दर्द को प्रबंधित करने और हल करने का तरीका सीखने में अक्सर यह सीखना शामिल होता है कि इन प्रणालियों की अति-सक्रियता को कैसे सबसे अच्छे तरीके से प्रबंधित किया जाए।

नींद की कमी भी थकान और दर्द दोनों का एक कारण है। दर्द के कारण नींद में बाधा आती है और नींद की कमी से दर्द होता है।

वास्तव में काम क्या करता है?

दीर्घकालिक दर्द से पीड़ित लोगों के प्रति गलत धारणा बनाई जाती है, उन्हें नजरअंदाज किया जाता है और गलत समझा जाता है, जिसके कारण उन्हें वह देखभाल नहीं मिल पाती जिसकी उन्हें जरूरत होती है। लगातार दर्द के कारण लोग काम नहीं कर पाते, उनका सामाजिक मेलजोल सीमित हो जाता है और उनके रिश्तों पर असर पड़ता है। इससे सामाजिक, व्यक्तिगत और आर्थिक रूप से नुकसान का चक्र शुरू हो सकता है।

इसलिए हमें दीर्घकालिक दर्द से पीड़ित लोगों के लिए उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा के साथ-साथ साक्ष्य-आधारित देखभाल तक बेहतर पहुंच की आवश्यकता है।

हालांकि, अच्छी खबर यह है कि पुराने दर्द के लिए आधुनिक देखभाल, जो पहले पुराने दर्द के अंतर्निहित जीवविज्ञान की आधुनिक समझ हासिल करने पर आधारित है, मददगार है।

प्रत्येक सहयोग मददगार

पुराने दर्द के लिए हमारे पास जो सबसे अच्छा उपचार है, उसके लिए प्रयास, धैर्य, दृढ़ता, साहस और अक्सर एक अच्छे कोच की आवश्यकता होती है। यह सब पहले से ही थके हुए व्यक्ति के लिए बोझिल करने वाली सलाह है।

इसलिए, यदि आप उन 80 प्रतिशत लोगों में से हैं जिन्हें दीर्घकालिक दर्द की समस्या नहीं है, तो इस बात पर विचार करें कि आपको क्या करना चाहिए और अपने सहकर्मी, मित्र, साथी, बच्चे या माता-पिता को इस यात्रा में सहयोग दें।

(द कन्वरसेशन)

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