ताजा खबरें | राजस्थान में महिला चिकित्सक की ‘खुदकुशी’ का विषय लोकसभा में उठा

नयी दिल्ली, 31 मार्च भाजपा सांसद जसकौर मीणा और उमेश जाधव ने राजस्थान में एक महिला चिकित्सक की कथित खुदकुशी का विषय बृहस्पतिवार को लोकसभा में उठाया और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की । दोनों सांसदों ने कहा कि चिकित्सकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जानी चाहिए।

राजस्थान के दौसा से सांसद जसकौर मीणा ने सदन में शून्यकाल के दौरान यह विषय उठाते हुए कहा, ‘‘यह मेरे क्षेत्र का विषय है...एक महिला चिकित्सक का खुदकुशी करना दुखद है।’’

उन्होंने दावा किया कि राजस्थान सरकार ने एक गर्भवती की मौत होने पर इस चिकित्सक के खिलाफ धारा 302 के तहत मामला दर्ज किया।

मीणा ने आरोप लगाया कि प्रदेश की सरकार अपराध से महिलाओं की सुरक्षा नहीं कर पा रही है, लेकिन एक चिकित्सक पर हत्या का मामला दर्ज कर उन्हें हतोत्साहित करती है।

उन्होंने कहा, ‘‘ जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। मेरी मांग यह भी है कि राजस्थान सरकार को इस बारे में चेताया जाना चाहिए।’’

इस विषय को उठाते हुए भाजपा के उमेश जाधव ने कहा कि चिकित्सकों को इस तरह परेशान नहीं किया जाना चाहिए। सभी राज्यों को इस बारे में संदेश भेजा जाना चाहिए।

गौरतलब है कि राजस्थान के दौसा जिले के लालसोट कस्बे में एक निजी अस्पताल की महिला रोग विशेषज्ञ डॉ अर्चना शर्मा ने मंगलवार को कथित तौर पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। शर्मा के खिलाफ सोमवार को उनके निजी अस्पताल में एक गर्भवती की मौत के बाद इलाज में लापरवाही का मामला दर्ज किया गया था।

भाजपा की अपराजिता सारंगी ने पुरी के भगवान जगन्नाथ मंदिर के निकट निर्माण कार्य का विषय उठाया और आरोप लगाया कि ओडिशा सरकार नियमों का उल्लंघन कर रही है।

उन्होंने कहा कि इस ऐतहासिक मंदिर के 100 मीटर के दायरे में खनन हो रहा है और निर्माण किए जा रहे हैं जो कानून के खिलाफ है।

इस पर ओडिशा में सत्तारूढ़ बीजू जनता दल के सांसद पिनाकी मिश्रा ने उनकी (सारंगी की) बात का प्रतिवाद करते हुए कहा कि अपराजिता सारंगी को पता होना चाहिए कि ओडिशा में कानून का उल्लंघन करके कोई काम नहीं होता है और यही वजह है कि 22 साल से ओडिशा की जनता नवीन पटनायक को विजयी बना रही है।

उन्होंने कहा कि भाजपा सांसद ने जो बोला है वो गलत है। खनन का कोई काम नहीं हो रहा है, सिर्फ शौचालय बनाए जो रहे हैं ताकि लोगों को सुविधा हो सके।

शून्यकाल में, बसपा के दानिश अली ने कहा कि एक बडी उद्योगपति का बयान आया है कि कर्नाटक और देश के दूसरे हिस्सों में धार्मिक विभाजन की जो स्थिति पैदा हुई गई वो गलत है तथा इससे निवेश प्रभावित होगा।

उन्होंने कहा कि सरकार को असहिष्णुता को खत्म करना चाहिए।

कई अन्य सांसदों ने भी सदन में शून्यकाल के दौरान लोक महत्व के अलग-अलग विषय उठाए।

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