टेस्ला का भाव फिसला, हजारों लोगों को नौकरी से निकाला
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credit: Image File)

इलेक्ट्रिक कार बनाने वाली कंपनी टेस्ला ने हजारों लोगों को नौकरी से निकाल दिया है. कंपनी इस साल लगातार गिरावट की ओर जा रही है.टेस्ला ने कहा है कि वह अपने दस फीसदी से ज्यादा कर्मचारियों को नौकरी से निकला रही है. कर्मचारियों को भेजे गए एक संदेश में यह बात कही गई है. इस साल टेस्ला के शेयरों के भाव में भारी गिरावट देखी गई है. कंपनी गिरती बिक्री और इलेक्ट्रिक गाड़ियों के बाजार में तेज होती कीमतों की जंग का असर भी झेल रही है.

कंपनी के सीईओ ईलॉन मस्क ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा, "हर पांच साल के आसपास हमें विकास के अगले चरण के लिए कंपनी में बदलाव करने होते हैं.”

टेस्ला के दो बड़े अधिकारियों, बैट्री डिवेलपमेंट प्रमुख ड्र्यू बैजलिनो और पब्लिक पॉलिसी वाइस प्रेजीडेंट रोहन पटेल ने भी इस्तीफा दे दिया है. हालांकि कुछ निवेशक इन दोनों के जाने से चिंतित हैं लेकिन मस्क ने उन्हें शुक्रिया कहा है.

सभी कर्मचारियों को भेजे गए एक संदेश में मस्क ने कहा, "अब जबकि हम कंपनी के विकास के अगले चरण के लिए तैयारी कर रहे हैं तो यह बहुत जरूरी है कि लागत में कमी और उत्पादकता में बढ़ोतरी के लिहाज से हर पहलू को देखा जाए. इस कोशिश के तहत हमने संगठन की विस्तृत समीक्षा की है और वैश्विक स्तर पर अपने कर्मचारियों की संख्या में दस फीसदी की कमी का मुश्किल फैसला किया है.”

बड़े अधिकारियों की विदाई

पिछली बार मस्क ने 2022 में बड़े पैमाने पर छंटनी की थी. तब उन्होंने कर्मचारियों से कहा था कि उन्हें "अर्थव्यवस्था के बारे मेंबहुत बुरा अहसास हो रहा है.” हालांकि उस छंटनी के बावजूद कंपनी के कर्मचारियों की संख्या में वृद्धि हुई है. 2021 के आखिर में टेस्ला में लगभग एक लाख लोग काम कर रहे थे जिनकी संख्या 2023 के आखिर तक बढ़कर एक लाख 40 हजार से ज्यादा हो गई थी. इसका अर्थ है कि अब 14 हजार से ज्यादा लोगों की नौकरियां जाने वाली हैं. बहुत से लोगों को इस बारे में सूचित भी कर दिया गया है और तुरंत प्रभाव से उन्हें काम से हटा दिया गया है.

बैजलिनो बहुत लंबे समय से टेस्ला में काम कर रहे थे. वह मस्क के अलावा उन चार लोगों में से हैं जिनका नाम कंपनी की वेबसाइट पर लीडरशिप टीम में दर्ज है.

विशेषज्ञों का कहना है कि यह टेस्ला के लिए मुश्किल समय है. रेक्स शेयर्स कंपनी ईटीएफ में निवेश करती है. इनमें टेस्ला के शेयर भी शामिल हैं. कंपनी के सीईओ स्कॉट अचेयचेक कहते हैं कि टेस्ला में छंटनी एक रणनीतिक कदम है. लेकिन रनिंग पॉइंट कैपिटल अडवाइजर्स के मुख्य निवेश अधिकारी माइकल एशली शुलमान कहते हैं कि वरिष्ठ अधिकारियों का कंपनी छोड़ना इस बात का सबसे बड़ा संकेत है कि कंपनी की तरक्की मुश्किल में है. एक साल भी नहीं हुआ है जब टेस्ला के मुख्य वित्तीय अधिकारी जैक कर्कहॉर्न विदा हो गए थे.

15 अप्रैल को टेस्ला के शेयर 5.6 फीसदी की गिरावट के साथ 161.48 डॉलर पर बंद हुए. इलेक्ट्रिक वाहन बनाने वाली अन्य कंपनियों रिविएन ऑटोमोटिव का स्टॉक 2.4 फीसदी और विनफास्ट ऑटो का शयेर 9.4 फीसदी गिरा.

अन्य कार कंपनियां ऊपर की ओर

इसी महीने की शुरुआत में समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने खबर छापी थी कि टेस्ला ने अपनी सस्ती कार लाने की योजना रद्दी की टोकरी में डाल दी है. कंपनी ने बहुत पहले वादा किया था कि वह 25 हजार डॉलर में एक बहुत सस्ती इलेक्ट्रिक कार बाजार में उतारेगी.

निवेशकों को उम्मीद थी कि यह कार बड़ा बाजार लेकर आएगी. मस्क ने कहा था कि मॉडल 2 नाम की यह कार 2025 के आखिर तक आ जाएगी. लेकिन 5 अप्रैल को खबर आई कि कंपनी ने इस योजना को ठंडे बस्ते में डाल दिया है. हालांकि इसकी प्रतिक्रिया में मस्क ने लिखा, "रॉयटर्स झूठ बोल रही है.” लेकिन कार के बारे में और योजना पर उन्होंने कुछ भी नहीं कहा.

तकनीकी जगत की खबरें छापने वाली वेबसाइट इलेक्ट्रेक ने सबसे पहली छंटनी की खबर छापी थी. उसने सोमवार को लिखा कि सस्ती कार की योजना बंद हो गई है और उस प्रोजेक्ट पर काम कर रहे लोगों को हटा दिया गया है.

इस साल टेस्ला के शेयरों का भाव 33 फीसदी से ज्यादा गिर चुका है. ऐसा तब है जबकि टोयोटा और जनरल मोटर्स जैसी अन्य कार कंपनियों के भाव तेजी से बढ़ रहे हैं. टोयोटा का शेयर तो इस साल 45 फीसदी बढ़ चुका है.

ईलॉन मस्क भारत मेंटेस्ला बेचने को लेकर बहुत उत्सुक हैं. ऐसी खबरें हैं कि इस महीने वह भारत की यात्रा करेंगे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलेंगे.

वीके/एए (रॉयटर्स, एएफपी)