Jammu and Kashmir: जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद में कमी आई है लेकिन इसका सफाया नहीं हुआ है: डीजीपी
Director General R.R. swain

जम्मू, 1 जनवरी : जम्मू-कश्मीर के पुलिस प्रमुख आर आर स्वैन ने सोमवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद में कमी आई है लेकिन यह पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है. उन्होंने पुलिस कर्मियों से शांति की दिशा में काम करने के लिये कहा ताकि मतदाता और उम्मीदवार बिना किसी डर के चुनाव में भाग ले सकें. पुलिस अधिकारियों को अपने नए साल के संदेश में, स्वैन ने कहा कि 2024 में उनके समक्ष चुनौती, ध्वस्त आतंकी पारिस्थितिकी तंत्र को ‘किसी भी रूप में या मामूली रूप से भी जड़ें जमाने अथवा फिर से उभरने का मौका’ नहीं देना है.

उच्चतम न्यायालय ने हाल ही में केंद्र को इस साल 30 सितंबर तक जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराने का निर्देश दिया है.

केंद्र शासित प्रदेश में शहरी स्थानीय निकायों और पंचायतों ने अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा कर लिया है. पांच पृष्ठ के संदेश में पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ने कहा, ‘‘शांतिपूर्ण वातावरण सुनिश्चित करने के लिये हमें पूरी तरह तैयार रहने की आवश्यकता है.

उन्होंने कहा कि शांतिपूर्ण वातावरण निवेश, रोजगार सृजन और नए उद्यमों की स्थापना के लिए एक शर्त है.

प्रदेश पुलिस प्रमुख ने कहा, ‘‘प्रगति के बावजूद, मैं आप सभी को याद दिला दूं कि आत्मसंतुष्टि के लिए कोई जगह नहीं है. हम अब भी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं. आतंकवाद ख़त्म हुआ है लेकिन यह पूरी तरह समाप्त नहीं हुआ है. हम गार्ड को कम करने का जोखिम नहीं उठा सकते.’’ स्वैन ने कहा, ‘‘दुश्मन शांति को पटरी से उतारने के लिए अलग-अलग हथकंडे अपना रहा है और जारी रखेगा। हमें ऐसे किसी भी कदम को जड़ जमाने से पहले ही हराना होगा.’’

स्वैन ने कहा कि बल को नशीली दवाओं के खतरों और नार्को-आतंकवाद की चुनौतियों का भी सामना करना पड़ता है. पुलिस बलों की भूमिका की सराहना करते हुये डीजीपी ने कहा कि पिछले तीन दशक के आतंकवाद के दौरान 1600 से अधिक पुलिसकर्मियों ने अपने जीवन का बलिदान दिया है.

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