अकबरुद्दीन ने ट्वीट कर कहा कि यह उनके लिए एक नयी शुरुआत है. कौटिल्य स्कूल ऑफ पब्लिक पॉलिसी ने पूर्व वरिष्ठ राजनयिक की नियुक्ति पर कहा कि इससे छात्रों को सर्वश्रेष्ठ नीति निर्धारकों से सीखने का अवसर देने की संस्थान की प्रतिबद्धता का पता चलता है. इससे छात्रों को भविष्य के लिए जिम्मेदार नीति निर्माता बनाने में मदद मिलेगी.
संस्थान के सह-संस्थापक प्रतीक कंवल ने एक बयान में बताया कि अकबरुद्दीन के आने से छात्रों को जलवायु परिवर्तन, शिक्षा, आतंकवाद, साइबर सुरक्षा, डिजिटल और परमाणु प्रौद्योगिकी जैसे मुद्दों पर उनके अनुभवों से सीखने को मिलेगा. अकबरुद्दीन ने संयुक्त राष्ट्र में इन मुद्दों को लेकर भारत का पक्ष जोरदार तरीके से रखा.
अकबरुद्दीन भारतीय विदेश सेवा के 1985 बैच के अधिकारी रहे हैं. वह 2012 से 2015 के बीच भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता भी रहे. 61 साल के अकबरुद्दीन पिछले वर्ष अप्रैल में संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि के पद से सेवानिवृत हुए थे.