न्यूयॉर्क: भारत ने दुनियाभर को सोशल मीडिया (Social Media) के जरिए फल-फूल रहे आतंकवाद (Terrorism) से अवगत करवाया है. बुधवार को संयुक्त राष्ट्र (United Nations) में भारत के राजदूत और स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन (Syed Akbaruddin) ने इस मुद्दे पर भारत का पक्ष रखते हुए कहा कि आतंकी संगठन सोशल मीडिया और साइबरस्पेस (Cyberspace) जैसे वैश्विक सार्वजनिक चीजों का दुरुपयोग कर रहे है.
संयुक्त राष्ट्र (यूएन) और शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के साझा कार्यक्रम में भारत की तरफ से सैयद अकबरुद्दीन ने कहा कि यूएन द्वारा घोषित आतंकी संगठन आईएस (ISIL), अल-शबाब, अल-कायदा, बोको हराम, लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद आदि सीमापार से फाइनैसिंग, प्रचार और भर्ती के जरिए पूरे क्षेत्र को अशांत कर रहे हैं. इसके लिए सोशल मीडिया और साइबरस्पेस का खूब दुरुपयोग किया जा रहा है. भारत ने एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तान को जमकर लताड़ा, कहा-आतंकवाद उनके DNA में है
Syed Akbaruddin, India’s Ambassador&Permanent Representative to United Nations:...destabilise entire regions through their cross-border financing, propaganda&recruitment, including by using-rather abusing-evolving global public goods such as the cyberspace and social media. (2/2) pic.twitter.com/q7YHoHOVjR
— ANI (@ANI) November 20, 2019
उन्होंने आगे कहा कि एससीओ का क्षेत्रीय आतंकवाद विरोधी ढांचा आतंकवाद और ड्रग्स के खिलाफ एकसाथ कार्रवाई के लिए एक उपयोगी तंत्र है. भारत गैरकानूनी नारकोटिक-ट्रैफिकिंग का मुकाबला करने के लिए एससीओ के विस्तार का स्वागत करते हैं.
उल्लेखनीय है कि आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत ने भी सोशल मीडिया को कट्टरपंथ को फैलाने और वित्तीय संसाधन पैदा करने का जरिया बताया था. ‘रायसीना डायलॉग’ के दौरान एक पैनल चर्चा में सेना प्रमुख ने कहा कि इस पर नियंत्रण लगाने का समय आ गया है. उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया के जरिए कट्टरपंथ फैलाना चिंता का विषय है क्योंकि कई लोग इस प्लैटफॉर्म के जरिए कट्टर बन रहे हैं. उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को एक साथ मिलकर इससे निपटने की अपील की थी.