बालासोर/भुवनेश्वर: ओडिशा (Odisha) के बालासोर जिले में शुक्रवार को हुए रेल हादसे (Train Accident) की जांचकर्ता मानवीय त्रुटि, सिग्नल फेल होने और अन्य संभावित पहलूओं से जांच कर रहे हैं. अधिकारियों ने इस सबसे भयावह रेल हादसे की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट सौंपी है. हादसे में कम से कम 288 यात्रियों की मौत हुई और 1100 से अधिक यात्री घायल हैं. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) ने दुर्घटनास्थल का दौरा किया और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव (Ashwini Vaishnav) के साथ-साथ आपदा प्रबंधन दलों के अधिकारियों ने उन्हें जानकारी दी. उन्होंने अस्पताल में कुछ घायलों से भी मुलाकात की.
मोदी ने कहा, ‘‘रेल हादसे के लिए दोषी पाये जाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. किसी को बख्शा नहीं जाएगा.’’ बालासोर जिले में शुक्रवार की शाम लगभग सात बजे शालीमार-चेन्नई सेंट्रल कोरोमंडल एक्सप्रेस और बेंगलुरु-हावड़ा एक्सप्रेस ट्रेन के पटरी से उतरने और एक मालगाड़ी से टकराने से यह हादसा हुआ. Odisha Train Accident: पीएम नरेंद्र मोदी ने ट्रेन दुर्घटना स्थल का निरीक्षण किया, लिया स्थिति का जायजा
दुर्घटना में 17 डिब्बे पटरी से उतर गए और गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हो गए, जिससे सैकड़ों यात्री फंस गए। दोनों यात्री रेलगाड़ियां तीव्र गति से चल रही थीं और विशेषज्ञों ने इसे हताहतों की अधिक संख्या के मुख्य कारणों में से एक बताया है. दुर्घटना स्थल ऐसा लग रहा था, जैसे एक शक्तिशाली बवंडर ने रेलगाड़ी के डिब्बों को खिलौनों की तरह एक दूसरे के ऊपर फेंक दिया हो. मलबे को हटाने के लिए बड़ी क्रेन को लाया गया और क्षतिग्रस्त डिब्बों से शव निकालने के लिए गैस कटर का इस्तेमाल किया गया.
हादसे में घायल यात्रियों को विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया है. रेल हादसे की प्रारंभिक जांच में यह पता चला है कि दुर्घटनाग्रस्त हुई कोरोमंडल एक्सप्रेस ट्रेन बाहानगा बाजार स्टेशन से ठीक पहले मुख्य मार्ग के बजाय ‘लूप लाइन’ पर चली गई और वहां खड़ी एक मालगाड़ी से टकरा गई.
समझा जाता है कि बगल की पटरी पर क्षतिग्रस्त हालत में मौजूद कोरोमंडल एक्सप्रेस के डिब्बों से टकराने के बाद बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस के डिब्बे भी पलट गये. एक अधिकारी ने शनिवार अपराह्न दो बजे तक उपलब्ध रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि हादसे में 288 यात्रियों की मौत हुई है। वहीं, 56 घायलों की हालत गंभीर है.
दक्षिण भारत में कई महीने काम करने के बाद अपने परिवार के पास लौट रहे 12864 बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस में सवार कई यात्रियों ने अचानक तेज आवाज सुनी, जिसके बाद वे अपनी सीट से गिर पड़े और बत्ती गुल हो गई. बर्धमान के रहने वाले मिजान उल हक रेलगाड़ी के पिछले हिस्से के एक डिब्बे में थे.
कर्नाटक से लौट रहे हक ने कहा, ‘‘ट्रेन तेज गति से दौड़ रही थी. शाम लगभग 7 बजे तेज आवाज सुनाई दी और सबकुछ हिलने लगा. बोगी के अंदर बिजली गुल होते ही मैं ऊपर की सीट से फर्श पर गिर पड़ा.’’ उन्होंने कहा कि किसी तरह वह क्षतिग्रस्त कोच से बाहर निकलकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचे. हक ने हावड़ा स्टेशन पर ‘पीटीआई-’ से कहा, ‘‘यह बेहद दुखद था कि कई लोग बुरी तरह क्षतिग्रस्त डिब्बे के पास पड़े हुए थे.’’
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