कलकत्ता हाई कोर्ट ने हाल ही में कहा कि अनुकंपा आधारित रोजगार प्रदान करने के मामलों में, बच्चे के जन्म के स्रोत पर विचार करना और उन लोगों के साथ भेदभाव करना "निंदनीय" है, जो अमान्य विवाह से पैदा हुए हो सकते हैं. है कोर्ट ने एक मृतक रेलवे कर्मचारी के छोटे बेटे को अनुकंपा आधारित रोजगार देने से इनकार करने को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की, जो उसकी दूसरी पत्नी से पैदा हुआ था. सुनवाई के दौरान, यह कहा गया कि दूसरे बेटे और पहली पत्नी को दूसरे बेटे की अनुकंपा नियुक्ति पर कोई आपत्ति नहीं थी. हालांकि, 2 जनवरी, 1992 के एक परिपत्र के आधार पर नियुक्ति को खारिज कर दिया गया था. जब न्यायमूर्ति बंदोपाध्याय ने पाया कि जिस परिपत्र के आधार पर अनुकंपा आधारित रोजगार को खारिज किया गया था, उसे सर्वोच्च न्यायालय की एक खंडपीठ ने खारिज कर दिया था, तो उन्होंने कहा कि छोटा बेटा या याचिकाकर्ता नंबर 2 अपने माता-पिता के विवाह की वैधता की परवाह किए बिना अपने पिता के स्थान पर अनुकंपा आधारित नियुक्ति का हकदार होगा. यह भी पढ़ें: बहू को टीवी देखने, पड़ोसियों से मिलने और अकेले मंदिर जाने की अनुमति न देना क्रूरता नहीं है: बॉम्बे हाईकोर्ट
अनुकंपा रोजगार प्रदान करते समय अमान्य विवाह से पैदा हुए बच्चों के साथ भेदभाव नहीं किया जा सकता- कोलकाता हाईकोर्ट
Cannot Discriminate Against Children Born Out Of Void Marriages While Providing Compassionate Employment: Calcutta High Court | @Srinjoy77#CalcuttaHChttps://t.co/65Qv5TxZqP
— Live Law (@LiveLawIndia) December 16, 2024
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