लोकतंत्र और संविधान की भावना को मजबूत करेगा UCC... समान नागरिक संहिता पर बोले पीएम मोदी
PM Modi in Dehradoon | ANI

देहरादून: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को देहरादून में 38 वें नेशनल गेम्स  के उद्घाटन के मौके पर यूनिफॉर्म सिविल कोड (Uniform Civil Code) की चर्चा की. पीएम मोदी ने यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) लागू होने पर इसे "गैर-भेदभावपूर्ण" करार दिया और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व वाली सरकार की प्रशंसा की. उत्तराखंड UCC लागू करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है, जिसने देशभर में राजनीतिक बहस को फिर से हवा दी है.

उत्तराखंड में UCC लागू, ucc.uk.gov.in पोर्टल हुआ लाइव, जानें शादी, तलाक और अन्य मामलों के लिए रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया.

प्रधानमंत्री मोदी ने उत्तराखंड में 38वें राष्ट्रीय खेलों के उद्घाटन के दौरान कहा, "UCC लोकतंत्र और संविधान की भावना को मजबूत करेगा. यह 'सेक्युलर सिविल कोड' है, जो किसी के साथ भेदभाव नहीं करता. यह टीम स्पिरिट की तरह है, जिसमें सब समान होते हैं."

पीएम ने कहा, "खेल भी हमें भेदभाव की भावना से दूर करता है. यही भावना यूसीसी की भी है. किसी से कोई भेदभाव नहीं, सभी यूसीसी के लिए बराबर है."

पीएम मोदी ने आगे कहा, "21वीं सदी को भारत की सदी कहा जा रहा है. बाबा केदार की पूजा के बाद मेरे मुंह से यह निकला कि यह दशक उत्तराखंड का है. उत्तराखंड तेज़ी से विकास कर रहा है और UCC इसे और आगे बढ़ाएगा."

UCC क्या है?

यूनिफॉर्म सिविल कोड का मतलब है एक ऐसा कानून, जो सभी नागरिकों पर समान रूप से लागू हो, चाहे उनका धर्म या समुदाय कुछ भी हो. इसमें शादी, तलाक, संपत्ति, गोद लेना और भरण-पोषण जैसे सामाजिक और पारिवारिक मामलों के लिए एक समान कानून की बात की जाती है.

भारत में वर्तमान में आपराधिक कानून सभी नागरिकों के लिए समान हैं, लेकिन नागरिक मामलों में अलग-अलग धार्मिक समुदायों के लिए अलग-अलग कानून लागू हैं. UCC का उद्देश्य इन भेदभावपूर्ण कानूनों को समाप्त करके एक समान प्रणाली लाना है.

आजादी के बाद UCC लागू करने वाला पहला राज्य बना उत्तराखंड

27 जनवरी को उत्तराखंड सरकार ने UCC पोर्टल, नियम और गजट अधिसूचना जारी करके इसे लागू कर दिया. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इसे संविधान निर्माताओं, विशेष रूप से डॉ. भीमराव अंबेडकर को सच्ची श्रद्धांजलि बताया.

सीएम धामी ने कहा, "UCC समानता और समान अधिकारों को बढ़ावा देगा. यह सुनिश्चित करेगा कि हर नागरिक को समान अधिकार और जिम्मेदारियां मिलें."