नयी दिल्ली, 25 नवंबर: उच्चतम न्यायालय ने आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति अर्जित करने संबंधी एक मामले में वाई. एस. जगनमोहन रेड्डी को दी गई जमानत रद्द करने के अनुरोध संबंधी एक याचिका पर आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री और केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से जवाब मांगा है. न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति पंकज मिथल की पीठ ने वाईएसआर कांग्रेस के असंतुष्ट सांसद रघु रामकृष्ण राजू की याचिका पर रेड्डी और जांच एजेंसी को नोटिस जारी किया.
पीठ ने कहा, ‘‘नोटिस जारी किया जाता है। प्रधान न्यायाधीश से निर्देश प्राप्त करने के बाद, रजिस्ट्री जनवरी 2024 के पहले सप्ताह में मामलों को उचित अदालत के समक्ष सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करेगी.’’ उच्चतम न्यायालय ने इससे पूर्व आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति अर्जित करने संबंधी एक मामले को हैदराबाद की एक अदालत से किसी अन्य राज्य और मुख्यत: राष्ट्रीय राजधानी स्थित पटियाला हाउस अदालत में स्थानांतरित करने संबंधी याचिका पर सीबीआई तथा मुख्यमंत्री रेड्डी से जवाब मांगा था.
न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति एस. वी. एन. भट्टी की पीठ ने राजू की ओर से दायर स्थानांतरण याचिका पर सीबीआई को नोटिस जारी किया था और जांच एजेंसी से यह बताने को कहा था कि मामले में सुनवाई पूरी होने में देरी क्यों हुई. याचिका में कहा गया था, ‘‘याचिकाकर्ता एक जिम्मेदार नागरिक है, जो 17वीं लोकसभा के सदस्य के रूप में लोगों की सेवा कर रहे हैं.
जिस तरह से सरकारी मशीनरी (केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो) को आंध्र प्रदेश राज्य के मौजूदा मुख्यमंत्री के अनुकूल करने के लिए गड़बड़ी की जा रही है, उससे याचिकाकर्ता आहत है.’’ राजू की याचिका में कहा गया है कि आय से अधिक संपत्ति का मामला 2012 में दर्ज किया गया था और सीबीआई ने इसमें 11 आरोपपत्र दायर किए, जिसके परिणामस्वरूप 11 अन्य मामले सामने आए.
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