
घर खरीदते अथवा किराये पर लेते समय अकसर लोग दक्षिण मुखी (जिस घर का मुख्य द्वार दक्षिण की ओर हो) घर लेने से बचते हैं, क्योंकि वास्तु नियमों के अनुसार दक्षिण मुखी घर बहुत अशुभ माना जाता है. इसके अलावा दक्षिण यम का दिशा माना जाता है, इसलिए भी इस दिशा को अशुभ माना जाता है, लेकिन ज्योतिषियों का यह भी मानना है कि कुछ विशेष परिस्थितियों में दक्षिण मुखी घर बहुत ज्यादा शुभ और मंगलकारी हो सकती है. आइये जानते हैं, वे विशेष परिस्थितियां, जब दक्षिण मुखी घर भी बहुत लाभकारी हो सकता है.
किन लोगों के लिए दक्षिण मुखी घर शुभ हो सकता है
व्यवसायी (Businessmen): जो लोग व्यापार, कॉर्पोरेट, निर्माण कार्य, रियल एस्टेट, लोहे या तेल जैसे क्षेत्रों में काम करते हैं, उनके लिए दक्षिण मुखी घर शुभकारी होता है. इसके साथ ही चूंकि दक्षिण दिशा यम की दिशा मानी जाती है, जो अनुशासन, शक्ति और निर्णय क्षमता से जुड़ी होती है. ये गुण व्यवसायियों के लिए लाभदायक होते हैं.
सरकारी अधिकारी या उच्च पदों वाले ऑफीसरः दक्षिण दिशा से जुड़ी शक्ति, आदेश और नियंत्रण की ऊर्जा उच्च पद पर कार्यरत लोगों को हर तरीके से सपोर्ट करती है, मसलन आईएएस, आईपीएस, सेना, प्रशासनिक अधिकारी इत्यादि के लोग.
राजनीतिज्ञ (Politicians): जो लोग सत्ता, नेतृत्व और जनता से जुड़े कार्य करते हैं, उनके लिए दक्षिण दिशा आत्मविश्वास और अधिकार बढ़ाने वाली होती है.
भूमि व निर्माण कार्य से जुड़े लोग (Builders, Architects, Contractors): दक्षिण दिशा भूमि तत्व से जुड़ी होती है, जिससे ये लोग स्थायित्व और विस्तार प्राप्त करते हैं.
किन स्थितियों में दक्षिण मुखी घर शुभ होता है:
विशेष परिस्थितियां भी दक्षिण मुखी घर को शुभ बनाती हैं
मुख्य द्वार सही स्थान पर हो (Main Entrance Position):
दक्षिण दिशा में घर का मुख्य द्वार यदि वास्तु अनुसार दक्षिण-पूर्व या दक्षिण-उत्तर भाग में हो, तो यह सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करता है. दक्षिण-पश्चिम में मुख्य द्वार होना अशुभ माना जाता है.
भूमि का ढलान उत्तर या पूर्व की ओर होः इससे सकारात्मक ऊर्जा घर में प्रवेश करती है और दक्षिण दिशा की शक्ति संतुलित रहती है.
किचन दक्षिण-पूर्व (अग्नि कोण) में होः दक्षिण मुखी घर में किचन अगर सही दिशा में हो, तो यह स्वास्थ्य और समृद्धि दोनों में वृद्धि करता है.
पूजा घर उत्तर-पूर्व (ईशान कोण) में होः दक्षिण मुखी घर में अगर ईशान कोण स्वच्छ और पीसफुल हो तो भी घर में शुभता बनी रहती है.
दक्षिण मुखी घर से किन्हें बचना चाहिए: अगर परिवार में अधिकतम सदस्य नौकरी पेशा वाले हैं, और बहुत संघर्ष कर रहे हैं. अगर घर का मुख्य द्वार दक्षिण-पश्चिम (नैऋत्य) में हो. अगर दक्षिण दिशा में भारी निर्माण हो और उत्तर दिशा बिल्कुल बंद हो.