लखनऊ, 21 जून: मानसून के कारण छाए बादलों ने रविवार को साल का पहला सूर्य ग्रहण देखने की लोगों की इच्छा पर ग्रहण लगा दिया. सूर्य ग्रहण देखने के लिए लोगों ने तरह-तरह के इंतजाम किए थे, लेकिन राज्य के अनेक हिस्सों में कल रात से शुरू हुई बारिश और दिन भर बादल छाए रहने की वजह से ज्यादातर लोग यह दुर्लभ खगोलीय घटना नहीं देख सके.
सूर्य ग्रहण तब लगता है जब पृथ्वी, सूरज और चांद बिल्कुल सीधी रेखा में आमने-सामने आ जाते हैं. साल का पहला सूर्य ग्रहण देखने के लिए इंदिरा गांधी तारामंडल में प्रबंध किए गए थे. तारामंडल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सूर्य ग्रहण देखने के लिए विशेष प्रबंध किए गए थे. इस दौरान सामाजिक दूरी तथा अन्य जरूरी निर्देशों का सख्ती से पालन किया गया था.
Delhi: #SolarEclipse2020 as seen in the cloudy skies of the national capital. pic.twitter.com/Y29PNlnpWW
— ANI (@ANI) June 21, 2020
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#SolarEclipse2020 as seen in Karachi of Pakistan.
As per Pakistan Meteorological Department, the solar eclipse, which began at 8:46 am local time, will end at 2:34 pm with the greatest eclipse occurring at 11:40 am. pic.twitter.com/ZW2SRDESSe
— ANI (@ANI) June 21, 2020
इंदिरा गांधी तारामंडल के राज्य परियोजना समन्वयक अनिल यादव ने बताया कि लखनऊ में सूर्य ग्रहण पूर्वान्ह 9:27 पर शुरू हुआ था और यह अपराहन 2:02 तक रहा. मगर आसमान में बादल छाए रहने की वजह से लोग इस खगोलीय घटना को नहीं देख सके.
Uttarakhand: #SolarEclipse2020 as seen in the skies of Dehradun. pic.twitter.com/Zg0zOpwIou
— ANI (@ANI) June 21, 2020
दिन में करीब 1:00 बजे कुछ वक्त के लिए सूर्य ग्रहण नजर आया जिसे मुश्किल 100-150 लोग ही देख पाए. उन्होंने यह भी बताया कि अब अगला सूर्य ग्रहण लखनऊ में वर्ष 2034 में दिखाई देगा. वहीं, भारत के अन्य स्थानों पर वर्ष 2031 में इसके दीदार होंगे. हालांकि प्रदेश के सोनभद्र, बलिया तथा कुछ अन्य शहरों में सूर्य ग्रहण देखे जाने की खबरें मिली है.
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