नयी दिल्ली, 15 जनवरी दिल्ली के महिला एवं बाल विकास विभाग ने लाडली योजना के उन लाभार्थियों की पहचान करने के लिए जिलावार अभियान शुरू किया है, जिन्होंने सरकार की इस योजना का लाभ नहीं उठाया है।
दिल्ली में जन्म लेने वाली बालिकाओं को सशक्त बनाने के उद्देश्य से एक जनवरी, 2008 को शुरू की गई लाडली योजना सावधि जमा के रूप में वित्तीय सहायता प्रदान करती है। इस योजना के तहत बालिकाओं को अस्पताल में जन्म के लिए 11,000 रुपये, घर पर जन्म के लिए 10,000 रुपये तथा प्रमुख पड़ावों - कक्षा एक, दो, छह, नौ और 10 में नामांकन - पर पांच-पांच हजार रुपये दिए जाने का प्रावधान है।
महिला एवं बाल विकास विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि करीब 1.86 लाख लाभार्थियों ने लाडली योजना के तहत मिलने वाले लाभ का दावा नहीं किया है, जबकि 1.66 लाख लाभार्थियों ने या तो अपने आवेदन का नवीनीकरण नहीं कराया है अथवा उन्होंने स्कूल छोड़ दिया है।
अधिकारी ने कहा कि कई बच्चे स्कूल जाने के लिए जिला बदल लेते हैं, लेकिन अक्सर जागरुकता की कमी के कारण वे योजना के तहत अपना पंजीकरण नवीनीकृत नहीं कराते हैं। अन्य लोग अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़ देते हैं, जिससे नवीनीकरण प्रक्रिया और जटिल हो जाती है।
महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी ने कहा, ‘‘इस समस्या से निपटने के लिए दिल्ली के 11 जिलों में लाडली योजना की देखरेख करने वाले अधिकारियों को वार्षिक रिपोर्ट तैयार करने का निर्देश दिया गया है, जिसमें सभी लाभार्थियों की सूची होगी और उन लोगों की पहचान होगी जिन्होंने अपने आवेदनों का नवीनीकरण नहीं कराया है।’’
अधिकारी ने बताया कि पिछले दो वर्षों में लाभार्थियों की संख्या में लगातार वृद्धि हुई है। 2022-23 में 64,408 लाभार्थी जुड़े, जबकि 2023-24 में यह संख्या बढ़कर 72,425 हो गई।
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