
अमेरिकी कंपनियों को अब भारतीय ग्रेजुएट्स को नौकरी देने में कोई दिक्कत नहीं होगी! अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने घोषणा की है कि 'गोल्ड कार्ड' नागरिकता योजना के तहत अमेरिकी विश्वविद्यालयों से पढ़ाई करने वाले भारतीय छात्रों को नौकरी के बेहतर अवसर मिलेंगे. यह योजना भारतीय छात्रों और पेशेवरों के लिए एक बड़ी राहत साबित हो सकती है.
ट्रंप के 'गोल्ड कार्ड' वीजा से किसे होगा फायदा? जानें भारतीयों पर क्या होगा असर.
ट्रंप ने बुधवार को 'गोल्ड कार्ड' वीजा प्रोग्राम लॉन्च करने की घोषणा की, जो अमेरिका में लंबी अवधि की निवास और नागरिकता प्राप्त करने का एक नया तरीका है. यह योजना उन विदेशी निवेशकों के लिए है, जो अमेरिका में 5 मिलियन डॉलर (करीब 41 करोड़ रुपये) का निवेश करने के लिए तैयार हैं. इसके तहत उन्हें अमेरिकी नागरिकता मिलने का रास्ता आसान होगा.
ट्रंप ने कहा कि अमेरिकी विश्वविद्यालयों से पढ़ाई करने वाले भारतीय, चीनी, जापानी और अन्य देशों के टॉप टैलेंट को अमेरिका में काम करने का अवसर नहीं मिल पाता, जिससे वे अपने देश लौटकर सफल कंपनियां खड़ी कर लेते हैं. इस नई नीति के तहत अमेरिकी कंपनियां भारतीय ग्रेजुएट्स को नौकरी दे सकेंगी और उन्हें जल्द ही नागरिकता मिलने का रास्ता भी खुलेगा.
अमेरिका के लिए क्यों है यह फायदेमंद?
ट्रंप ने माना कि मौजूदा EB-5 वीजा प्रोग्राम में देरी और जटिलताओं के कारण अमेरिका बेहतर टैलेंट खो रहा है. उन्होंने कहा, "भारतीय छात्र हार्वर्ड या व्हार्टन जैसे बड़े संस्थानों से पढ़कर निकलते हैं, लेकिन उन्हें नौकरी की पेशकश मिलते ही कैंसिल कर दी जाती है, क्योंकि उनके अमेरिका में रहने का कोई ठोस आधार नहीं होता." ट्रंप का कहना है कि अगर ये छात्र अमेरिका में रुककर काम करें, तो इससे अमेरिकी अर्थव्यवस्था को भी फायदा होगा.
'गोल्ड कार्ड' वीजा और EB-5 वीजा में अंतर
EB-5 वीजा में निवेशकों को अमेरिका में 1 मिलियन डॉलर (लगभग 8.3 करोड़ रुपये) का निवेश करना होता है और कम से कम 10 नौकरियां पैदा करनी पड़ती हैं. इस प्रक्रिया में 5-7 साल लग सकते हैं और इसमें धोखाधड़ी और लंबी प्रतीक्षा अवधि जैसी समस्याएं रही हैं.
गोल्ड कार्ड वीज़ा में निवेश की राशि बढ़ाकर 5 मिलियन डॉलर (करीब 41 करोड़ रुपये) कर दी गई है, लेकिन इसमें नौकरी पैदा करने की कोई अनिवार्यता नहीं होगी. यह प्रक्रिया काफी तेज और आसान होगी, जिससे अमीर निवेशकों को जल्द अमेरिकी नागरिकता मिलेगी.
क्या भारतीय छात्रों के लिए यह सुनहरा मौका है?
अगर ट्रंप की यह योजना लागू होती है, तो अमेरिका में पढ़ाई करने वाले भारतीय छात्रों के लिए यह सुनहरा अवसर होगा. अब उन्हें वीजा की जटिल प्रक्रिया से नहीं गुजरना पड़ेगा और अमेरिकी कंपनियों में काम करने के मौके बढ़ेंगे.
हालांकि, यह योजना अभी लागू नहीं हुई है, लेकिन उम्मीद है कि अप्रैल 2025 तक इसे शुरू किया जा सकता है. ट्रंप ने कहा है कि शुरुआती चरण में 1 करोड़ गोल्ड कार्ड वीज़ा जारी किए जा सकते हैं.
ट्रंप की 'गोल्ड कार्ड' योजना भारतीय छात्रों और निवेशकों के लिए एक बड़ा मौका साबित हो सकती है. अगर यह योजना लागू होती है, तो इससे अमेरिका और भारत दोनों को आर्थिक रूप से फायदा होगा.