ट्रंप के 'गोल्ड कार्ड' वीजा से किसे होगा फायदा? जानें भारतीयों पर क्या होगा असर
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Gold Card Visa: अमेरिका की नागरिकता पाने का नया रास्ता खुलने वाला है, लेकिन सिर्फ अमीरों के लिए! अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने एक नया 'गोल्ड कार्ड' वीजा पेश करने की योजना बनाई है, जिसके तहत कोई भी विदेशी नागरिक 5 मिलियन डॉलर (लगभग 43.54 करोड़ रुपये) देकर अमेरिकी ग्रीन कार्ड हासिल कर सकता है. यह स्कीम अमेरिका में निवेशकों को आकर्षित करने के लिए बनाई गई है, लेकिन भारतीय पेशेवरों के लिए यह अच्छी खबर नहीं मानी जा रही.

डोनाल्ड ट्रंप के दबाव की वजह से कोस्टा रिका, होंडुरास निर्वासितों के लिए पनामा में ठहराव स्थल बन गए.

ट्रंप का यह नया गोल्ड कार्ड वीजा अमेरिका में अमीर निवेशकों को आकर्षित करने की कोशिश है. भारतीय उद्योगपतियों और बड़े बिजनेसमैन के लिए यह सुनहरा मौका हो सकता है, लेकिन भारतीय आईटी पेशेवरों और स्किल्ड वर्कर्स के लिए यह बुरी खबर है.

कैसे अलग है गोल्ड कार्ड वीजा?

अभी तक अमेरिका में निवेशकों के लिए EB-5 वीजा प्रोग्राम था, जिसमें निवेशकों को 8 लाख से 10.5 लाख डॉलर (लगभग 6-8 करोड़ रुपये) अमेरिकी बिजनेस में निवेश करने पड़ते थे और कम से कम 10 नौकरियां पैदा करनी होती थीं. साथ ही, इस वीजा से ग्रीन कार्ड पाने में 5 से 7 साल का समय लगता था.

ट्रंप का नया गोल्ड कार्ड वीजा इन शर्तों को हटाकर, सीधे 5 मिलियन डॉलर की कैश पेमेंट के बदले ग्रीन कार्ड देगा. यानी, अब नौकरियां पैदा करने की कोई शर्त नहीं होगी और ग्रीन कार्ड मिलने की प्रक्रिया भी तेज होगी.

भारतीयों पर क्या असर पड़ेगा?

सिर्फ सुपर-रिच भारतीयों को फायदा: भारत के अरबपति बिजनेसमैन और हाई-नेट वर्थ इंडिविजुअल्स (HNI) के लिए यह एक आसान रास्ता होगा.

मध्यमवर्गीय निवेशकों के लिए मुश्किल: EB-5 वीजा में भारतीय निवेशक लोन लेकर या फंड्स पूल करके अप्लाई कर सकते थे, लेकिन गोल्ड कार्ड वीजा में पूरी रकम कैश में देनी होगी. यानी, मिड-लेवल इन्वेस्टर्स के लिए यह बहुत मुश्किल होगा.

H-1B वीजा होल्डर्स के लिए बुरी खबर: भारतीय आईटी पेशेवरों के लिए अमेरिका जाने का सबसे बड़ा रास्ता H-1B वीजा है, जिसमें ग्रीन कार्ड मिलने में दशकों का समय लग सकता है. इस गोल्ड कार्ड वीजा के आने से अमीर लोग जल्दी ग्रीन कार्ड पा सकते हैं, जबकि स्किल्ड वर्कर्स को लंबा इंतजार करना पड़ेगा.

ग्रीन कार्ड बैकलॉग और बढ़ेगा: पहले से ही भारतीयों को ग्रीन कार्ड मिलने में 10-20 साल तक का समय लग रहा है. अब अगर अमीर लोग गोल्ड कार्ड लेकर सिस्टम में घुसेंगे, तो प्रोफेशनल्स के लिए वेटिंग टाइम और बढ़ सकता है.

क्या यह योजना लागू होगी?

यह योजना अप्रैल 2025 तक लागू हो सकती है, और शुरुआती चरण में 1 करोड़ गोल्ड कार्ड वीजा जारी किए जाएंगे. हालांकि, अमेरिकी कांग्रेस और प्रशासन में इस पर बहस होगी, क्योंकि यह अमेरिका में असमानता बढ़ा सकता है.