लंदन: ब्रिटेन में तेल और गैस संकट गहराता जा रहा है. फ्यूल स्टेशनों पर मंगलवार को पांचवें दिन भी पेट्रोल-डीजल और गैस के लिए गाड़ियों की लंबी कतारें लगी रहीं. बताया जा रहा है कि कई हिस्सों में करीब 90 फीसदी पेट्रोल पंप बंद पड़ गए है. ट्रक चालकों की कमी के कारण ईधन की आपूर्ति में आ रही बाधा को दूर करने के लिए ब्रिटेन सरकार सेना बुलाने पर विचार कर रही है. Cabinet Decision: ऑटो इंडस्ट्री के लिए PLI स्कीम को मंजूरी, जानिए किसे मिलेगा फायदा
पेट्रोल रिटेलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष ब्रायन मैडरसन के अनुसार, देश में टैंकर चालकों की कमी से निपटने के लिए सैन्य कर्मियों को ड्राइविंग की ट्रेनिंग दी गई थी. हालांकि सरकार का कहना है कि फिलहाल उसने सेना तैनात करने की योजना नहीं बनाई है. लेकिन ब्रिटिश सरकार का कहना है कि वह ईधन आपूर्ति संकट को दूर करने के लिए आगे के उपायों के तहत सेना को स्टैंडबाय पर रख रही है.
करीब 5500 स्वतंत्र गैस स्टेशनों एवं पेट्रोल पंपों का प्रतिनिधित्व करने वाले संगठन ने रविवार को बताया कि इसके करीब दो-तिहाई सदस्यों ने बताया कि उनके यहां ईंधन की कमी है, क्योंकि चालकों की कमी के कारण लोग डरकर ज्यादा पेट्रोल इकट्ठा कर रहे हैं. अब तो हालात ऐसे है कि जिन भी पेट्रोल पंपों पर सप्लाई चालू है, वहां अराजकता की स्थिति उत्पन्न हो गई है.
पेट्रोल-डीजल और गैस की किल्लत का असर अब काम-धंधों पर भी पड़ने लगा है. काम पर जाने के लिए लोगों के गाड़ियों में ईंधन नहीं बचा है. अब तो ईंधन की कमी के कारण न केवल खाने-पीने के सामान की भारी किल्लत हो गई है, बल्कि ट्रांसपोर्ट सिस्टम भी बेपटरी हो रहा है. जानकारों ने ब्रिटेन सरकार को चेताया है कि अगर यह संकट ऐसे ही बरकरार रहा तो आने वाले समय में इसका असर देश की अर्थव्यवस्था पर भी दिखेगा.
ब्रिटेन के परिवहन उद्योग का कहना है कि ब्रिटेन में करीब एक लाख ट्रक चालकों की कमी है, जो कई कारणों से है. इन कारणों में कोरोना वायरस महामारी, चालकों की बढ़ती उम्र और पिछले वर्ष यूरोपीय संघ से ब्रिटेन के हटने के कारण विदेशी चालकों का देश से बाहर चले जाना शामिल है.