गंभीर बिजली संकट की चपेट में बांग्लादेश

दक्षिण एशियाई देश बांग्लादेश इन दिनों सबसे भीषण बिजली संकट से जूझ रहा है.

विदेश Deutsche Welle|
गंभीर बिजली संकट की चपेट में बांग्लादेश
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credit: Image File)

दक्षिण एशियाई देश बांग्लादेश इन दिनों सबसे भीषण बिजली संकट से जूझ रहा है. ऐसा संकट पिछले एक दशक में देश ने नहीं देखा है.दक्षिण एशियाई देश बांग्लादेश इन दिनों सबसे भीषण बिजली संकट से जूझ रहा है. बांग्लादेश का विदेशी मुद्रा भंडार गिर रहा है और उसकी मुद्रा मूल्य भी नीचे जा रहा है, जिस कारण देश को तेल के आयात के लिए भुगतान करने में दिक्कत हो रही है.

समाचार एजेंसी रॉयटर्स के एक विश्लेषण के मुताबिक ईंधन के आयात के लिए भुगतान करने में कठिनाइयों और घटते विदेशी मुद्रा भंडार जैसी गंभीर समस्याओं के कारण बांग्लादेश वर्तमान में 2013 के बाद से अपने सबसे खराब बिजली संकट का सामना कर रहा है.

जुलाई-अक्टूबर में गर्मी रहने का अनुमान है और देश में बिजली की खपत और बढ़ेगी. देश के ऊर्जा मंत्री ने हाल ही में चेतावनी दी थी कि आने वाले दिनों में 17 करोड़ की आबादी वाले देश में बिजली कटौती जारी रहेगी.

बांग्लादेश ईंधन के आयात पर निर्भर है और ईंधन की कमी के कारण लोड-शेडिंग ने देश के कपड़ा उद्योग पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है.

कारोबार पर बिजली कटौती की मार

रॉयटर्स के ताजा विश्लेषण के मुताबिक 2023 के पहले पांच महीने में बिजली कटौती के कारण वॉलमार्ट और एच एंड एम जैसे वैश्विक ब्रांडों के साथ-साथ जारा को देश में अपने उद्योग को 114 दिनों के लिए उत्पादन बंद करने के लिए मजबूर किया. 2022 में कुल 113 दिन कपड़ा उद्योग ठप्प रहे थे.

देर शाम और सुबह के समय बिजली कटौती सबसे आम है. बांग्लादेश के पावर ग्रिड कंपनी के आंकड़ों से पता चलता है कि जनता और छोटे व्यवसायों ने 10-12 घंटे तक अघोषित बिजली कटौती की शिकायत की है.

डेटा से पता चलता है कि 5 जून को मांग से आपूर्ति 25 प्रतिशत तक कम थी. आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला कि जून के पहले सप्ताह में समग्र आपूर्ति घाटा औसतन 15 प्रतिशत तक बढ़ गया. यह मई के घाटा से औसत तीन गुना है.

घट रहा डॉलर रिजर्व

17 मई को बांग्लादेश का कुल डॉलर रिजर्व सात साल के निचले स्तर 30.18 अरब पर पहुंच गया था. जो दिसंबर 2016 के बाद सबसे कम था. डॉलर भंडार के गिरने के कारण बांग्लादेश को ईंधन आयात के लिए भुगतान में समस्या हो रही है.

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गंभीर बिजली संकट की चपेट में बांग्लादेश

दक्षिण एशियाई देश बांग्लादेश इन दिनों सबसे भीषण बिजली संकट से जूझ रहा है.

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गंभीर बिजली संकट की चपेट में बांग्लादेश
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credit: Image File)

दक्षिण एशियाई देश बांग्लादेश इन दिनों सबसे भीषण बिजली संकट से जूझ रहा है. ऐसा संकट पिछले एक दशक में देश ने नहीं देखा है.दक्षिण एशियाई देश बांग्लादेश इन दिनों सबसे भीषण बिजली संकट से जूझ रहा है. बांग्लादेश का विदेशी मुद्रा भंडार गिर रहा है और उसकी मुद्रा मूल्य भी नीचे जा रहा है, जिस कारण देश को तेल के आयात के लिए भुगतान करने में दिक्कत हो रही है.

समाचार एजेंसी रॉयटर्स के एक विश्लेषण के मुताबिक ईंधन के आयात के लिए भुगतान करने में कठिनाइयों और घटते विदेशी मुद्रा भंडार जैसी गंभीर समस्याओं के कारण बांग्लादेश वर्तमान में 2013 के बाद से अपने सबसे खराब बिजली संकट का सामना कर रहा है.

जुलाई-अक्टूबर में गर्मी रहने का अनुमान है और देश में बिजली की खपत और बढ़ेगी. देश के ऊर्जा मंत्री ने हाल ही में चेतावनी दी थी कि आने वाले दिनों में 17 करोड़ की आबादी वाले देश में बिजली कटौती जारी रहेगी.

बांग्लादेश ईंधन के आयात पर निर्भर है और ईंधन की कमी के कारण लोड-शेडिंग ने देश के कपड़ा उद्योग पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है.

कारोबार पर बिजली कटौती की मार

रॉयटर्स के ताजा विश्लेषण के मुताबिक 2023 के पहले पांच महीने में बिजली कटौती के कारण वॉलमार्ट और एच एंड एम जैसे वैश्विक ब्रांडों के साथ-साथ जारा को देश में अपने उद्योग को 114 दिनों के लिए उत्पादन बंद करने के लिए मजबूर किया. 2022 में कुल 113 दिन कपड़ा उद्योग ठप्प रहे थे.

देर शाम और सुबह के समय बिजली कटौती सबसे आम है. बांग्लादेश के पावर ग्रिड कंपनी के आंकड़ों से पता चलता है कि जनता और छोटे व्यवसायों ने 10-12 घंटे तक अघोषित बिजली कटौती की शिकायत की है.

डेटा से पता चलता है कि 5 जून को मांग से आपूर्ति 25 प्रतिशत तक कम थी. आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला कि जून के पहले सप्ताह में समग्र आपूर्ति घाटा औसतन 15 प्रतिशत तक बढ़ गया. यह मई के घाटा से औसत तीन गुना है.

घट रहा डॉलर रिजर्व

17 मई को बांग्लादेश का कुल डॉलर रिजर्व सात साल के निचले स्तर 30.18 अरब पर पहुंच गया था. जो दिसंबर 2016 के बाद सबसे कम था. डॉलर भंडार के गिरने के कारण बांग्लादेश को ईंधन आयात के लिए भुगतान में समस्या हो रही है.

इससे पहले पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन द्वारा ऊर्जा मंत्रालय को 9 मई को लिखे एक पत्र में कहा गया था, "स्थानीय बाजार और केंद्रीय बैंक में डॉलर की कमी के कारण वाणिज्यिक बैंकों को आयात के लिए भुगतान करने में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है."

अप्रैल में एक चेतावनी पत्र लिखा गया था, जिसके अनुसार, "ईंधन के भंडार की खतरनाक कमी के कारण मई के लिए निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार ईंधन का आयात संभव नहीं हुआ तो पूरे देश में ईंधन की कमी हो जाएगी और पूरे देश में वितरण बाधित हो सकता है."

तेल की कमी के चलते बिजली कटौती हो रही है और इससे उद्योग भी प्रभावित हैं. बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ कपड़ा और जूट उत्पादन को माना जाता है जो पूरी तरह से एक्सपोर्ट इंडस्ट्री है.

एए/वीके (रॉयटर्स)

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