ऑनलाइन फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म जोमैटो (Zomato) को उसके प्रतिद्वंद्वी उबर ईट्स (Uber Eats) से सोशल मीडिया पर समर्थन मिला है. दरअसल, जोमैटो ने अपने कस्टमर से फूड ऑर्डर मिलने के बाद एक गैर-हिंदू डिलीवरी बॉय (Non Hindu Rider) को खाना पहुंचाने की जिम्मेदारी दी तो इस पर ग्राहक ने आपत्ति जताई. इसके साथ ही उसने खाने का ऑर्डर भी कैंसिल कर दिया और फिर उसने ट्विटर (Twitter) पर इस ऐप को अपने फोन से हटाने की जानकारी भी दी, जिसके बाद जोमैटो ने भी जवाब दिया. जोमैटो के जवाब वाले ट्वीट को रिट्वीट करते हुए उबर ईट्स ने लिखा, 'हम आपके साथ खड़े हैं.'
दरअसल, जोमैटो से अमित शुक्ल नाम के एक शख्स ने खाना ऑर्डर किया था. ऑर्डर करने के बाद उसे पता चला कि जोमैटो ने खाना डिलीवर करने की जिम्मेदारी एक गैर हिंदू लड़के को दी है तो ग्राहक ने तुरंत अपना ऑर्डर कैंसिल कर दिया और ट्वीट करके जोमौटो ऐप अनइंस्टॉल करने की जानकारी दी. अमित ने ट्वीट कर लिखा, ‘अभी-अभी मैंने जोमैटो से एक ऑर्डर रद्द किया. उन्होंने मेरा खाना गैर-हिन्दू व्यक्ति के हाथ भेजा और कहा कि वे इसे न तो बदल सकते हैं और न ही आर्डर रद्द करने पर पैसा वापस कर सकते हैं. मैंने कहा कि आप मुझे खाना लेने के लिए बाध्य नहीं कर सकते हैं. मुझे पैसा वापस नहीं चाहिए, बस ऑर्डर रद्द करो.’ यह भी पढ़ें- मुस्लिम डिलीवरी बॉय से भिजवाया खाना ना लेने वाले कस्टमर को Zomato का करारा जवाब- खाने का कोई धर्म नहीं, खाना खुद धर्म
यहां देखें ट्वीट-
.@ZomatoIN, we stand by you. https://t.co/vzjF8RhYzi
— Uber Eats India (@UberEats_IND) July 31, 2019
उसने जोमैटो के कस्टमर केयर से की गई बातचीत का स्क्रीनशॉट भी लगाया और कहा कि वह अपने वकील से इस बारे में परामर्श करेगा. जोमैटो ने इस ट्वीट के जवाब में लिखा, ‘खाने का कोई धर्म नहीं होता है. खाना खुद ही एक धर्म है.’ कंपनी इस रुख पर टिकी रही और डिलिवरी ब्वॉय बदलने से मना कर दिया. बाद में जोमैटो के संस्थापक दीपेंद्र गोयल ने भी ट्वीट किया, ‘हमें भारत के विचार और अपने शानदार उपभोक्ताओं और भागीदारों की विविधता पर गौरव है. अपने मूल्यों के कारण यदि हमारे कारोबार को कुछ नुकसान भी होता है तो हमें उसका अफसोस नहीं.’