Fact Check: कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus Pandemic) के इस दौर में लोगों तक गलत और भ्रामक जानकारियों (False Information) को पहुंचाने के लिए सोशल मीडिया (Social Media) का इस्तेमाल ज्यादा किया जा रहा है. खासकर केंद्र की मोदी सरकार (Modi Government) की घोषणाओं और योजनाओं से संबंधित फेक खबरों और जानकारियों की सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भरमार लगी है. इसी कड़ी में केंद्र सरकार की योजना से जुड़ी एक और फेक खबर तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है, जिसमें दावा किया गया जा रहा है कि केंद्र सरकार द्वारा मोदी लोन योजना (Modi Loan Scheme) के तहत सभी देशवासियों के खाते में 75,000 रुपए की नकद राशि दी जा रही है. इस खबर के बाद लोगों में भ्रम की स्थिति पैदा हो गई है, लेकिन पीआईबी फैक्ट चेक (PIB Fact Check) ने इस खबर को फर्जी और निराधार करार दिया है.
दावा- एक यूट्यूब वीडियो में दावा किया जा रहा है कि केंद्र सरकार द्वारा मोदी लोन योजना के तहत सभी देशवासियों के खाते में ₹75,000 की नगद राशि दी जा रही है.
पीआईबी फैक्ट चेक- यह दावा फर्जी है. केंद्र सरकार ने ऐसी कोई घोषणा नहीं की है. यह भी पढ़ें: Fact Check: सोशल मीडिया पर दावा, दिल्ली में 200 पुलिसकर्मियों ने दिया सामूहिक इस्तीफा? जाने वायरल खबर की सच्चाई
पीआईबी फैक्ट चेक का ट्वीट
दावा: एक #YouTube वीडियो में दावा किया जा रहा है कि केंद्र सरकार द्वारा मोदी लोन योजना के तहत सभी देशवासियों के खाते में ₹75,000 की नगद राशि दी जा रही है। #PIBFactCheck: यह दावा #फ़र्ज़ी है। केंद्र सरकार ने ऐसी कोई घोषणा नहीं की है। pic.twitter.com/2UiDtjwcAI
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) February 2, 2021
गौरतलब है कि प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो यानी पीआईबी ने जब इस दावे की पड़ताल की तो फैक्ट चेक में इस दावे के फर्जी और निराधार पाया. पीआईबी फैक्ट चेक ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा मोदी लोन योजना के तहत 75 हजार रुपए नकद राशि देने वाला दावा फेक है, क्योंकि केंद्र सरकार द्वारा ऐसी किसी भी योजना की घोषणा नहीं की गई है. इसके साथ ही पीआईबी ने लोगों से सोशल मीडिया पर वायरल हो रही किसी भी खबर या जानकारी पर भरोसा करने से पहले उसकी सत्यता जांचने का अनुरोध किया है.
Fact check
एक यूट्यूब वीडियो में दावा किया जा रहा है कि केंद्र सरकार द्वारा मोदी लोन योजना के तहत सभी देशवासियों के खाते में ₹75,000 की नगद राशि दी जा रही है.
पीआईबी फैक्ट चेक ने कहा है कि यह दावा फर्जी है. केंद्र सरकार ने ऐसी कोई घोषणा नहीं की है.