Last Chandra Grahan Of 2021: कब है साल का अंतिम चंद्र ग्रहण? जानें यह भारत में कहां-कहां दिखेगा? क्या कहते हैं वैज्ञानिक और ज्योतिष शास्त्री!
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: Pixabay)

ज्योतिष शास्त्र के आइने से देखा जाये तो सूर्य ग्रहण हो या चंद्र ग्रहण, इसे शुभ नहीं माना जाता, इसीलिए ग्रहण काल में कोई भी शुभ कार्य वर्जित होते हैं. उधर खगोल शास्त्रियों के अनुसार यह एक सामान्य खगोलीय घटना है, यानी परिक्रमा करते हुए जब पृथ्वी सूर्य और चंद्रमा के बीच में आती है तो इसे चंद्र ग्रहण कहते हैं. यही वजह है कि कुछ लोग इसे सामान्य रूप में लेते हैं तो कुछ इसे धर्म से जोड़ते हुए तमाम मिथकों का पालन करते हैं. आइये जानें इस बार चंद्र ग्रहण का असर कहां पूरी तरह पड़ेगा तो कहां आंशिक चंद्र ग्रहण ही दिखेगा. एवं भारत में चंद्रग्रहण से प्रभावित क्षेत्र के लोगों को क्या करना चाहिए और क्या नहीं. Chitragupta Puja 2021 Messages: चित्रगुप्त पूजा पर दोस्तों-रिश्तेदारों को इन WhatsApp Stickers, Facebook Greetings, GIF Images के जरिए दें शुभकामनाएं

भारत में इन स्थानों पर दिखेगा चंद्र ग्रहण!

साल का आखिरी चंद्र ग्रहण 19 नवंबर 2021, शुक्रवार को लग रहा है. ज्योतिषियों के अनुसार इस बार चंद्र ग्रहण वृषभ राशि एवं कृतिका नक्षत्र पर लग रहा है, इसलिए वृषभ राशि के जातकों को यह ग्रहण नहीं देखना चाहिए. 19 अक्टूबर 2021, शुक्रवार को दिन 11.34 बजे से शुरू होकर सायंकाल 05.33 बजे तक रहेगा. भारत के असम और अरुणाचल प्रदेश में दिखेगा. ज्योतिषियों के अनुसार इस चंद्र गहण से भारत में सूतक मान्य नहीं होगा. लेकिन ग्रहण काल में कुछ कार्यों से बचना होगा. मसलन पूजा-अनुष्ठान, खाना बनाने, किसी मांगलिक कार्य आदि से परहेज रखें. बेहतर होगा कि ग्रहण काल में ईश्वर पर ध्यान लगाया जाये. विदेशों में अमेरिका, उत्तरी यूरोप, पूर्वी एशिया, ऑस्ट्रेलिया और प्रशांत महासागर के कुछ क्षेत्रों में चंद्र ग्रहण देखा जा सकता है. ग्रहण खत्म होने के पश्चात स्नान करने के पश्चात ही कोई कार्य करना चाहिए.

इन राशि वालों को रहना होगा चौकन्ना!

प्रयागराज के ज्योतिष शास्त्री शंभूनाथ त्रिपाठी के अनुसार साल का यह अंतिम चंद्र ग्रहण वृषभ राशि एवं कृतिका नक्षत्र में लग रहा. इसलिए वृषभ राशि वालों के लिए यह चंद्र ग्रहण ठीक नहीं रहेगा. इस राशि के जातकों को ग्रहण के दरम्यान किसी से भी वाद-विवाद अथवा फिजूलखर्ची से दूर रहना चाहिए. बेहतर यही होगा कि ग्रहण के समय दौरान इस राशि का जातक एकांत में रहकर प्रभु का ध्यान करे.

क्या कहते हैं वैज्ञानिक और ज्योतिषी

वैज्ञानिकों के अनुसार यह खगोलीय घटना है. इसलिए इसे लेकर ज्यादा परेशान नहीं होना चाहिए. लेकिन पंडित शंभूनाथ त्रिपाठी का कहना है कि चंद्र ग्रहण तभी लगता है, जब राहू और केतु चंद्रमा अथवा सूर्य के सानिध्य में आते हैं, जिस व्यक्ति की कुंडली में ग्रहण योग होता है, उसका जीवन तमाम समस्याओं से भरा हो सकता है. तनाव, अवसाद एवं भ्रम की स्थिति उसे परेशान कर सकती है. इसलिए ग्रहण हमेशा से एक अशुभ घटना के रूप में देखा जा सकता है. गर्भवती महिलाओं को यह ग्रहण देखने से बचना चाहिए. इस दरम्यान शिव जी का ध्यान करना भी बेहतर होगा.