नवरात्रि के आठवें दिन मां महागौरी की पूजा की जाती है. माँ महागौरी अपने भक्तों की सभी इच्छाओं को पूरा करने के लिए जानी जाती हैं. उसके नाम का अर्थ है: महा '- महान / अपार और' गौरी '- श्वेत. चूंकि उनका रंग गोरा है इसलिए उन्हें यह नाम 'महागौरी' मिला. देवी महागौरी की चार भुजाएं हैं और उनकी सवारी बैल है. उनका एक दाहिना हाथ अभय मुद्रा में रहता है दूसरे दाएं हाथ में त्रिशूल होता है. उन्हें एक बाएं हाथ में डमरू और दूसरा बायां हाथ वरदान मुद्रा में रहता है.
भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए मां पार्वती ने प्रकृति की सभी आपदाओं बारिश, कड़ी धूप और ठंड को झेलते हजारों वर्ष तक कठिन तपस्या की, जिसकी वजह से उनका रंग काला पड़ गया. भगवान शिव ने उनकी तपस्या से खुश होकर उन्हें पत्नी रूप में स्वीकार किया. शिव के उन्हें स्वीकार करने के बाद उन्होंने गंगा नदी में अपने शरीर से सभी धूल और अन्य अशुद्धियों को साफ किया. जिसके बाद उनका असली रंग बाहर आ गया, जो बहुत गोरा था. इसलिए उन्हें यह नाम 'महागौरी' मिला. महाअष्टमी पर महागौरी की पूजा करने से मां सभी मनोकामनाएं पूरी करती हैं. इनकी पूजा करने के पति की आयु लंबी होती है. महाअष्टमी के शुभ अवसर पर लोग ग्रीटिंग्स और मैसेजेस भेजकर शुभकामनाएं देते हैं. अगर आप भी अपने प्रियजनों को शुभकामनाएं देना चाहते हैं तो नीचे दिए गए मैसेज भेजकर दे सकते हैं.
शुभो महाअष्टमी ग्रीटिंग्स 2020:
शुभो महाअष्टमी ग्रीटिंग्स 2020:
राहु ग्रह पर मां महागौरी का शासन करती हैं. मां महागौरी की पूजा करने से इस ग्रह के दुष्प्रभाव को शांत करने में मदद मिलती है. मां आप सभी पर अपनी कृपा बनाएं रखें. हमारी ओर से आप सभी को शुभो महाअष्टमी.