इस्लाम धर्म का पवित्र महीना रमजान (Ramadan 2019) मई में शुरू हो जाएगा. ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि 5 मई से ये मुक़द्दस महिना शुरू होगा. वैसे यह सब चांद पर निर्भर होता है. इस पाक महीने में 29 या 30 रोजे रखे जाते हैं. रमजान का महीना अल्लाह की रहमतों और इबादत से भरा होता है. साफ दिल से रोजा रखने पर अल्लाह उनकी सारी ख्वाहिशें पूरी करते हैं. मई के पहले हफ्ते में चांद दिखने के बाद ही रमजान के पाक महीने की शुरुआत हो जाएगी.
रमजान के पूरे महीने अल्लाह की इबादत की जाती है. रोजा रखने से पहले सुबह उठकर सहरी की जाती है और दिन भर रोजा रखा जाता है. दिन भर रोजा रखने के बाद शाम को मगरिब की अजान के साथ इफ्तारी की जाती है. रमजान में कुराने-ए पाक की तिलावत भी की जाती है. इस महीने में बाजार तरह-तरह के पकवानों और फलों से सजे हुए दिखाई देते हैं. पूरा बाजार रमजान की रौनक से भरा पड़ा होता है.
इस महीने में जकात देने का बहुत बड़ा महत्त्व है. रमजान में दान करने से सवाब मिलता है और घर में बरक्कत होती है. जकात इस्लाम धर्म के पांच स्तंभों कलमा, नमाज, जकात, रोजा और हज में से एक है. हर मुस्लिम को अपनी आय से कुछ हिसा दान करना होता है.
इस पाक महीने को तीन हिस्सों में बांटा गया है. शुरुआत के 10 रोजे में खुदा की रहमत बरसती है. दूसरे 10 रोजे को मगफिरत के रोजे कहे जाते हैं. इन दस दिनों में मुस्लिम समुदाय के लोग खुदा से अपनी गलतियों की माफी मांगते हैं और आखिरी वक्त में जन्नत मिलने की दुआ मांगते हैं. आखिर के बचे हुए रोजे में अल्लाह से जहन्नुम की आग से बचने की दुआ मांगते हैं. 29 या 30 रोजे की रात चांद दिखाई देने के दूसरे दिन ईद ( ईद उल फितर ) मनाई जाती है.