Chandra Grahan: चंद्रग्रहण का काउंटडाउन शुरू, 9 घंटे का होगा सूतक, जानें भारत में किस समय दिखेगा ग्रहण
चंद्रग्रहण (Photo Credits: Wikipedia)

Lunar Eclipse 2019: साल 2019 का आखिरी चंद्र ग्रहण 16-17 जुलाई को लग रहा है. जो कि भारत में भी दिखा देगा. बताना चाहते है कि साल 2019 का पहला चंद्र ग्रहण ( (Chandra Grahan 2019) 21 जनवरी को लगा था. यह एक पूर्ण चंद्र ग्रहण  (Chandra Grahan 2019)  था. इसे सुपर ब्लड मून का नाम दिया गया, क्योंकि इस दिन ग्रहण के दौरान चंद्रमा का रंग लाल हो जाता है. बताया जाता है कि इस अवधि के दौरान चंद्रमा धरती के काफी नजदीक होता है. इसके बाद पूर्ण चंद्र ग्रहण  (Chandra Grahan) 29 मई 2021 में लगेगा.

ज्ञात हो कि यह आंशिक चंद्रग्रहण होगा जिसे अरुणाचल प्रदेश के दुर्गम उत्तर पूर्वी हिस्सों को छोड़कर देश भर में देखा जा सकेगा. दुनिया भर में यह ग्रहण एशिया, यूरोप, ऑस्‍ट्रेलिया और दक्षिण अमेरिका के अधिकतर हिस्‍सों में दिखाई देगा. यह भी पढ़े-Chandra Grahan/ Lunar Eclipse 2019: कल 3 घंटे का होगा चंद्र ग्रहण, जानें इसके शुरू और खत्म होने का समय, बरतें ये सावधानियां

आखिर कैसा होगा इस बार का ग्रहण?

यह इस साल का अंतिम चंद्र ग्रहण है. जो कि आंशिक है. 16 जुलाई को आंशिक चंद्र ग्रहण लगेगा (Partial Lunar Eclipse) है.

जानिए भारत में ग्रहण दिखने का समय

बता दें कि 16 और 17 जुलाई 2019 के बीच की रात 12 बजकर 13 मिनट से चांद सूरज की छाया से ढकना शुरु होगा. 1 बजकर 31 मिनट 43 सेकंड पर आंशिक चंद्र ग्रहण  (Chandra Grahan 2019) शुरु होगा. इसके साथ दिल्ली वालों (Delhi) को सुबह 3 बजे तक ग्रहण नजर आएगा. वहीं सुबह 4 बजकर 30 मिनट तक सूरज की छाया से चांद पूरी तरह से बाहर हो जाएगा. यह भी पढ़े-Chandra Grahan 2019: चंद्र ग्रहण के दौरान भूलकर भी न करें ये गलतियां, इसके प्रकोप से बचने के लिए करें इन चीजों का दान

इन बातों का रखें ध्यान.

-ग्रहण के दौरान में अन्न, जल ग्रहण नहीं करना चाहिए.

- ग्रहण के दौरान स्नान न करें. ग्रहण समाप्ति के बाद स्नान करें.

- ग्रहण को खुली आंखों से न देखें। हालांकि चंद्र ग्रहण देखने से आंखों पर कोई बुरा असर नहीं होता.

-ग्रहण के दौरान घर में या बाहर मौजूद तुलसी के पौधे को भी गंगाजल डालकर स्वच्छ करना चाहिए.

- ग्रहणकाल के दौरान गुरु प्रदत्त मंत्र का जाप करते रहना चाहिए.

-वही ग्रहण के बाद घर की साफ-सफाई की भी मान्यता है. इसमें मंदिर की सफाई खास महत्व रखती है.